धनुरासन से स्वास्थ्य को मिलते हैं कई लाभ, जानिए इस योगासन के बारे में अहम बातें
योग में कई आसन मौजूद हैं, जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। इन्हीं योग आसनों में से एक धनुरासन है। इस योगासन को धनुष मुद्रा भी कहा जाता है क्योंकि इसका अभ्यास करते वक्त व्यक्ति धनुष जैसा दिखता है। नियमित रूप से इस योगासन के अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और बैठने की मुद्रा में सुधार होता है। आइये आज इस योग मुद्रा के बारे में महत्वपूर्व बातें जानते हैं।
धनुरासन का इतिहास
इस योगासन का उल्लेख 19वीं सदी के श्रीतत्वनिधि ग्रंथ के एक पाठ में किया गया है। हालांकि, इसकी उत्पत्ति 15वीं शताब्दी की हठ योग प्रदीपिका से मानी जाती है, जो एक संस्कृत किताब है। इसमें हठ योग के बारे में सभी जानकारी दी गई हैं।
धनुरासन करने का तरीका
धनुरासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों घुटनों को पीठ की तरफ मोड़ें और हाथों से पैरों के टखनों को पकड़ने की कोशिश करें। इसके बाद सांस लेते हुए पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। थोड़ी देर तक इसी मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
धनुरासन के अभ्यास से मिलने वाले फायदे
धनुरासन एक ऐसी योग मुद्रा है, जो अंडाशय पर दबाव डालते हुए प्रजनन अंगों को तेज कर सकती है। इसके अलावा यह आसन हाथों, पैरों, कंधों, छाती और पीठ को टोन और मजबूत करता है। साथ ही कब्ज से भी राहत दिलाता है। अगर आप तनाव, चिंता या थकान से जूझ रहे हैं तो बेहतर महसूस करने के लिए इस योगासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे गुर्दे की बीमारी से ग्रसित लोगों को भी काफी फायदा हो सकता है।
धनुरासन के दौरान ये सावधानियों बरतें
धनुरासन को करते वक्त आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। अगर आपने खाना खाया है तो इसके तुरंत बाद इस योग को न करें। भोजन करने के करीब 4-5 घंटे के बाद ही इस योगासन को करें। इसके अलावा हमेशा योग करने से पहले अपने शरीर को गर्म करने के लिए भुजंगासन जैसे हल्के आसनों से शुरुआत करें। योग को करने का सबसे अच्छा समय सुबह का है, इसलिए इस समय ही इसके अभ्यास की आदत डालें।
कौन इस योगासन का अभ्यास नहीं कर सकता?
भले ही यह योगासन आसान है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी, लेकिन हर कोई इसे नहीं कर सकता है। ऐसे लोग जिन्होंने पेट की सर्जरी करवाई है, वह इसका अभ्यास करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आपके पीठ या गर्दन में अक्सर दर्द रहता है तो इस योगासन को करने से बचें। इसके अलावा ब्लड प्रेशर और हर्निया रोगियों और गर्भवती महिलाओं को भी इसे बिल्कुल नहीं आजमाना चाहिए।