कैटाप्लेक्सी: जानिए इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
कैटाप्लेक्सी एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति की मांसपेशियां बहुत कमजोर हो जाती हैं या उनमें अचानक से अकड़न आ जाती है। इस बीमारी से शरीर और मानसिक स्वास्थ्य बहुत प्रभावित हो सकता है। ऐसे में जरूरी है आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें पता हों ताकि वक्त रहते इसका इलाज किया जा सके। चलिए आज कैटाप्लेक्सी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय जानते हैं।
भावनात्मक संवेदना से जुड़ी है यह बीमारी
कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के विपरीत कैटाप्लेक्सी में भावनात्मक संवेदना (emotional sensitivity) अनुभव होती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति में अक्सर हंसी, हैरानी और मजाक जैसी भावनाएं ज्यादा उत्पन्न होती हैं, जबकि क्रोध, भय, तनाव और हताशा सहित नकारात्मक भावनाओं की संभावना कम रहती है। अगर समय रहते इस बीमारी के इलाज पर ध्यान ना दिया जाए तो स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है।
कैटाप्लेक्सी के कारण
कैटाप्लेक्सी से जुड़े ज्यादा शोध नहीं हुए हैं और इस वजह से इसके सटीक कारणों का पता नहीं है। हालांकि, कई अध्ययनों में इस बात का जिक्र है कि कैटाप्लेक्सी नार्कोलेप्सी नामक बीमारी से जुड़ा है। नार्कोलेप्सी और कैटाप्लेक्सी दोनों स्थितियों से पीड़ित रोगियों के दिमाग में ओरेक्सिन या हाइपोक्रेटिन नामक कोशिकाएं कमजोर होने लगती हैं। नार्कोलेप्सी से ग्रस्त व्यक्ति का मस्तिष्क सामान्य रूप से सोने और जागने के पैटर्न को नियंत्रित करने में असमर्थ होता है।
कैटाप्लेक्सी से जुड़े लक्षण
कैटाप्लेक्सी के हल्के लक्षणों में अचनाक से भ्रम होना, चेहरे समेत गर्दन की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करना और आइब्रो का टेढ़ा होना शामिल है। कैटाप्लेक्सी की स्थिति गंभीर होने पर व्यक्ति को ठीक से चलने, बात करने या आंखों को लंबे समय तक खुला रखने में परेशानी हो सकती है। बच्चों को यह बीमारी होती है तो उनकी आधी आंखें बंद, जीभ बाहर निकली हुई, सुस्त चेहरा और चलने में लड़कड़ाहट पन आने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
कैटाप्लेक्सी का इलाज
इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को पेशेवर डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों और आयु के आधार पर कैटाप्लेक्सी का इलाज कर सकते हैं। एंटी-डिप्रेसेंट सहित कुछ दवाएं हैं, जो इस बीमारी के हल्के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त अपने सोने के पैटर्न को ठीक करें, शराब और कैफीन लेने से बचें और रोजाना एक्सरसाइज करें।