जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के लिए दक्षिण भारत की इन 5 जगहों का करें रुख
दक्षिण भारत में अत्यधिक वनस्पतियों और जीवों के साथ बहुत घनी आबादी वाले जंगल हैं। हरी-भरी हरियाली वाली पश्चिमी और पूर्वी घाट की पर्वत श्रृंखलाएं दक्षिण भारत के प्राकृतिक सौंदर्य का प्रमुख कारण हैं। ऐसे में जंगल सफारी करते हुए विभिन्न वन्यजीव जानवरों और ज्यादातर हाथियों को नजदीक से देखने के लिए दक्षिण भारतीय जगहें सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। चलिए फिर आज जंगल सफारी के लिए मशहूर 5 दक्षिण भारत की जगहों के बारे में जानते हैं।
बांदीपुर नेशनल पार्क
कर्नाटक में स्थित बांदीपुर नेशनल पार्क 'नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व' का एक हिस्सा है। यह खूबसूरत नेशनल पार्क लगभग 100 स्तनपायी प्रजातियों और 350 पक्षी प्रजातियों का घर है। यहां आप बड़ी संख्या में बाघ, सांभर, चीतल, जंगली कुत्ते, सियार, हॉर्नबिल और माउस हिरण आदि देख सकते हैं। इस नेशनल पार्क के प्रमुख वन्यजीव आकर्षण पैंथर, चार सींग वाले मृग और हाथी हैं। यहां की यात्रा का सबसे अच्छा समय मानसून और गर्मी का मौसम है।
पेरियार नेशनल पार्क
पेरियार नेशनल पार्क भारत में प्रसिद्ध बाघ और हाथी अभयारण्यों में से एक है और यह केरल में स्थित है। ट्रेकिंग जैसी कई गतिविधियों के साथ इस पार्क में वन्यजीव सफारी अविस्मरणीय है। पेरियार और पंबा नदियां इस नेशनल पार्क के सुंदर आकर्षण हैं। यहां आप कई दुर्लभ प्रजातियां जैसे मॉनिटर छिपकली, लायन-टेल्ड मकाक, नीलगिरी लंगूर, बोनट मकाक और गौर आदि देख सकते हैं। यहां घूमने के लिए सबसे अनुकूल समय सितंबर से अप्रैल तक है।
रंगनातिट्टू बर्ड सैंक्चुरी
कर्नाटक में स्थित रंगनातिट्टू बर्ड सैंक्चुरी कावेरी नदी के तट पर बहुत सारे विविध पक्षियों वाला एक सुंदर गंतव्य है। यह बर्ड सैंक्चुरी साइबेरिया और लैटिन अमेरिका के प्रवासी पक्षियों का घर है। यहां पक्षियों की करीब 170 प्रजातियां रह रही हैं। पक्षी ही नहीं यहां कुछ छोटे जानवरों को भी आश्रय दिया जाता है, जिसमें भारतीय ग्रे नेवला, बोनट मकाक और मॉनिटर छिपकली हैं। जून से नवंबर तक इस बर्ड सैंक्चुरी की यात्रा का सबसे अच्छा समय है।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल में नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का एक अभिन्न अंग है। यह लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने वाला केरल का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य भी है। यहां के प्रमुख वन्यजीव आकर्षण बाघ, हाथी, लंगूर, बोनट मकाक, मगरमच्छ, द्वि-रंग के मेंढक, रामनेला आदि हैं। यहां की लोकप्रिय पक्षी प्रजातियां उल्लू, काला कठफोड़वा, बब्बलर, कोयल और जंगल फाउल हैं। इस अभ्यारण्य में जंगल सफारी करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक है।
साइलेंट वैली नेशनल पार्क
केरल में मौजूद साइलेंट वैली नेशनल पार्क विशाल वनस्पतियों और जीवों के साथ नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व के केंद्र की तरह है। यह पार्क अपनी समृद्ध जैव विविधता पर कई तरह के शोधों का स्थान है। कई लुप्तप्राय जानवर और दुर्लभ पौधों की प्रजातियां भी यहां स्थापित हैं। आप यहां विशाल गिलहरी, नीलगिरि कबूतर, नीलगिरी तहर और नीलगिरि लंगूर आदि देख सकते हैं। इस नेशनल पार्क की यात्रा का सबसे अच्छा समय दिसंबर और अप्रैल के बीच है।