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2050 तक वैश्विक स्तर पर 1.3 अरब लोग मधुमेह से होंगे पीड़ित, अध्ययन में हुआ खुलासा
वैश्विक स्तर पर कई लोग होंगे मधुमेह से ग्रस्त- अध्ययन

2050 तक वैश्विक स्तर पर 1.3 अरब लोग मधुमेह से होंगे पीड़ित, अध्ययन में हुआ खुलासा

लेखन अंजली
Jun 23, 2023
03:09 pm

क्या है खबर?

वैश्विक स्तर पर मधुमेह का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में एक अध्ययन ने खुलासा किया है कि 2050 तक इसकी संख्या में वृद्धि होगी। अनुमान है कि 2050 तक दुनियाभर में कम से कम 1.3 अरब लोग यानी उस समय की 13.4 प्रतिशत आबादी मधुमेह का सामना कर रही होगी। यह संख्या साल 2021 में बीमारी से पीड़ित आबादी से दोगुनी है। आइए जानते हैं कि अध्ययन में बीमारी को लेकर क्या-क्या कहा गया है।

अध्ययन

बढ़ती जागरूकता के बावजूद बढ़ रहे मधुमेह के मामले- अध्ययन

द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन के परिणामों के अनुसार, अगले 30 वर्षों में किसी भी देश में मधुमेह दर में गिरावट देखने की उम्मीद नहीं है। अध्ययन में कहा गया कि बढ़ती जागरूकता और चल रहे बहुराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप इसने विश्व स्तर पर अधिकांश बीमारियों को पीछे छोड़ दिया है।

पेपर

भारत में 1 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह से हैं पीड़ित

पिछले सप्ताह जारी एक अन्य लैंसेट पेपर के अनुसार, भारत में कई अन्य देशों की तुलना में मधुमेह जैसी नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों का बोझ बहुत अधिक है। देश में 1 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को मधुमेह है और 1.36 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं। इसमें यह भी कहा गया कि 2045 तक मधुमेह से पीड़ित तीन चौथाई से अधिक वयस्क निम्न मध्यम आय वाले देशों से होंगे और उनमें 10 में से एक को बीमारी से देखभाल की जरूरत होगी।

बयान

सबसे बड़ा सार्वजिनक स्वास्थ्य खतरा है मधुमेह- डॉ शिवानी

पेपर की लेखिका डॉ शिवानी अग्रवाल ने कहा, "मधुमेह हमारे समय के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक बना हुआ है।आने वाले 3 दशकों में हर देश, आयु वर्ग और लिंग में आक्रामक रूप से बढ़ने वाला है, जो दुनियाभर में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।" उन्होंने आगे कहा कि सात वर्षों से कम समय में मधुमेह के मामलों में गिरावट लाने के लिए केंद्रीय ध्यान और समझ महत्वपूर्ण है।

बयान

मधुमेह के बढ़ते मामलों का कारण है असामनता- लियोनॉर्ड

अध्ययन के सह-लेखक लियोनार्ड एगेडे ने कहा, "मधुमेह के बढ़ते मामलों का एक कारण असमानता है।" उन्होंने आगे कहा कि आवासीय अलगाव जैसी नस्लवादी नीतियां लोगों के रहने के स्थान, पर्याप्त और स्वस्थ भोजन सहित स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक उनकी पहुंच को प्रभावित करती हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा कि मधुमेह से लड़ने के लिए दुनियाभर के देशों को एक लंबी योजना, निवेश और ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

शारीरिक संकेत

मधुमेह की ओर इशारा करते हैं ये शुरूआती लक्षण 

मधुमेह होने की शुरूआत में शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें इस बीमारी के लक्षण भी कहा जा सकता है। अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख का बढ़ना, इंफेक्शन होना, अधिक थकान महसूस करना, वजन घटना, शरीर में कमजोरी महसूस करना, पैरों में दर्द रहना और घाव का ठीक न होना आदि इस बीमारी के शुरूआती शारीरिक लक्षण हैं। इसलिए इन समस्याओं को हल्के में लेने की गलती न करें।