विश्व रक्तदाता दिवस 2023: जानिए इस दिन को मनाने का कारण, महत्व और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
रक्तदान एक ऐसा महादान है, जिससे किसी को नया जीवन मिल सकता है। लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 जून को 'विश्व रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है। इसका लक्ष्य सभी को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करने का है। यह एक दर्द रहित क्रिया है, जो किसी जरूरतमंद की जिंदगी बचा सकती है। आइये आज इस दिवस से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
क्या है महत्व?
जीवन बचाने, रोगी की सर्जरी में मदद, कैंसर के उपचार, पुरानी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचाव के लिए रक्तदान जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 11.85 करोड़ रक्तदान किए जाते हैं। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत उच्च आय वाले देशों में किए जाते हैं, जहां दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी रहती है। 169 देशों में लगभग 13,300 रक्त केंद्र कुल 10.6 करोड़ रक्तदान जमा करते हैं।
क्या है इस बार की थीम?
हर साल विश्व रक्तदाता दिवस मनाने के लिए WHO एक खास थीम जारी करता है। इस साल के लिए इस दिवस की थीम है 'रक्त दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, बार-बार साझा करो।' WHO का कहना है कि इस साल की थीम से जीवन बचाने के लिए प्लाज्मा और रक्त देने के विचार का व्यापक प्रसार करना है। इसके अलावा इस बार की थीम जीवन बचाने में आम लोगों के महत्व पर जोर देती है।
कैसे हुई शुरुआत?
इस दिन को मनाने की शुरुआत WHO ने साल 2005 में की थी। इसके बाद से ही हर साल इस दिवस को 14 जून को मनाया जाने लगा। इसके पीछे भी एक कारण है। दरअसल, अमेरिकी वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीर ने ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की थी। उनके इस योगदान के लिए 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। रक्तदाता दिवस वैज्ञानिक लैंडस्टीनर को ही समर्पित हैं, जिनका जन्मदिन 14 जून को होता है।
रक्तदान से जुड़े 5 तथ्य
रक्तदान से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य के बारे में भी जानिए। साल में एक से ज्यादा बार रक्तदान करना सुरक्षित है। रक्त का निर्माण नहीं किया जा सकता है। यह केवल दाताओं से ही आ सकता है। अमेरिका में हर 2 सेकेंड में रक्तदान की जरूरत होती है। एक यूनिट रक्त से 3 लोगों की जान बचाई जा सकती है। रक्त कई प्रकार के होते हैं और प्रत्येक प्रकार का एक खास उद्देश्य होता है।