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मुरादाबाद दुनिया का दूसरा सर्वाधिक ध्वनि प्रदूषण वाला शहर, अधिकारियों ने खारिज की UNEP रिपोर्ट
मुरादाबाद दुनिया का दूसरा सर्वाधिक ध्वनि प्रदूषण वाला शहर, अधिकारियों ने खारिज की रिपोर्ट

मुरादाबाद दुनिया का दूसरा सर्वाधिक ध्वनि प्रदूषण वाला शहर, अधिकारियों ने खारिज की UNEP रिपोर्ट

Mar 29, 2022
11:57 am

क्या है खबर?

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर को सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों की सूची में रखा गया है। रिपोर्ट कहती है कि बांग्लादेश का ढाका, भारत का मुरादाबाद और पाकिस्तान का इस्लामाबाद सर्वाधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों में सबसे ऊपर हैं। इसमें चेतावनी दी गई है कि बढ़ते शोर के कारण लाखों लोगों की सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है। वहीं मुरादाबाद के अधिकारियों ने रिपोर्ट का खंडन किया है।

जानकारी

ध्वनि प्रदूषण और इसके असर पर बात करती है रिपोर्ट

'फ्रंटियर 2022: नॉइस, ब्लेजेस एंड मिसमैचेज' नाम से आई इस रिपोर्ट में ध्वनि प्रदूषण और सेहत पर पड़ने वाले इसके दीर्घ-कालिक प्रभावों की तरफ ध्यान आकर्षित किया गया है। साथ ही इसमें शहरों में बेहतर माहौल बनाने के कदमों के बारे में बताया गया है। 2018 की विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस में कहा गया है कि सड़कों पर ट्रैफिक के शोर का स्तर 53 dB (डेसिबल) तक सेहत के लिए सुरक्षित होता है।

ध्वनि प्रदूषण

किस शहर में कितना शोर?

UNEP के अनुसार, ढाका 119 dB के साथ सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में यह 114 और इस्लामाबाद में 105 dB है। मुरादाबाद के अलावा भारत की राजधानी दिल्ली, कोलकाता, आसनसोल और जयपुर को भी इस सूची में शामिल किया गया है और यहां शोर का स्तर 80 से 90 dB के बीच बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के कई अन्य शहरों का भी यही हाल है।

नुकसान

ध्वनि प्रदूषण के क्या खतरे?

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी यह रिपोर्ट कहती है कि रोजाना 8 घंटे या इससे अधिक समय तक 85 dB से अधिक स्तर के शोर में रहने से हमेशा के लिए सुनने की शक्ति जा सकती है। इससे थोड़े कम स्तर के शोर, जो शहरों में आजकल आमतौर पर रहता है के बीच भी लंबे समय तक रहने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे हायपरटेंशन जैसी बीमारी भी हो सकती है।

प्रतिक्रिया

मुरादाबाद प्रशासन ने रिपोर्ट को खारिज किया

संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट को मुरादाबाद के अधिकारियों ने खारिज किया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा, "यह रिपोर्ट गलत है। ऐसे आंकड़े जुटाने के लिए शहर में UNEP की तरफ से कोई सेंसर नहीं लगाए गए हैं और न ही हमें ऐसी किसी मॉनिटरिंग की जानकारी मिली है।" उन्होंने बताया कि पिछले पांच महीनों के दौरान दिन का औसतन ध्वनि प्रदूषण 72.4 dB रहा है।

वायु प्रदूषण

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दुनिया के हर देश और 97 फीसदी शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानकों से ऊपर पहुंच गया है। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश उन देशों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा प्रदूषण है और इसका स्तर WHO के तय मानकों से 10 गुना अधिक है।