
क्या है कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की खासियत जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है उद्घाटन?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कानपुर में देश की सबसे तेज गति से पूरी होने वाली मेट्रो रेल परियोजना के नौ किलोमीटर लंबे प्राथमिक कॉरिडोर का उद्घाटन किया।
उद्घाटन के प्रधानमंत्री मोदी ने मेट्रो रेल का निरीक्षण किया और IIT मेट्रो स्टेशन से कल्याणपुर तक सवारी भी की।
इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।
यहां जानते हैं कानपुर मेट्रो परियोजना की खासियत।
उपलब्धि
देश में सबसे तेज गति से बनने वाली मेट्रो परियोजना
कानपुर मेट्रो 32.5 किमी लंबी रेल-आधारित जन परिवहन प्रणाली है। इसमें दो कॉरिडोर शामिल हैं। पहला कॉरिडोर IIT कानपुर से नौबस्ता 23.8 किमी लंबा और दूसरा कॉरिडोर चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8 तक 8.6 किमी लंबा है।
11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली कानपुर मेट्रो देश में सबसे तेजी से बनने वाली मेट्रो परियोजना है।
इस परियोजना का उद्देश्य शहर में ट्रैफिक की समस्या और भीड़भाड़ से निपटना है।
ऊर्जा
कानपुर मेट्रो परियोजना में होगी 35 प्रतिशत ऊर्जा की बचत
कानपुर मेट्रो परियोजना की ट्रेनें 'रीजेनरेटिव ब्रेकिंग' तकनीक से लैस होंगी। जिससे ट्रेन संचालन में 35 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी।
रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक की मदद से मेट्रो ट्रेन ब्रेकिंग प्रक्रिया के जरिए उर्जा उत्पन्न करेगी, जिसे वापस सिस्टम में भेजा जाएगा।
इसके जरिए मेट्रो ट्रेने न सिर्फ उर्जा की बचत करेंगी बल्कि इसका उत्पादन भी करेंगी। ऐसे में कानपुर मेट्रो देश में ऊर्जा की बचत करने वाली पहली परियोजना होगी।
जानकारी
स्टेशनों और डिपो पर लगी लिफ्ट भी करेगी ऊर्जा की बचत
कानपुर के मेट्रो स्टेशनों और डिपो पर लगी लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से 34 प्रतिशत तक ऊर्जा बचाएगी। ऊर्जा की बचत के लिए सभी मेट्रो परिसरों में 100% एलईडी लाइटिंग होगी। इसके अलावा सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे।
डिजाइन
कैसा है कानपुर मेट्रो का डिजाइन?
कानपुर मेट्रो को खूबसूरती से डिजाइन किया गया है और इसे OHE (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) के बजाय तीसरी रेल द्वारा संचालित किया जाएगा। इसमें मेट्रो ट्रेनों के नियमित रखरखाव और रखरखाव के लिए डिजाइन किया गया एक ग्रीन डिपो होगा।
मेट्रो की संरचना 'ग्रीन बिल्डिंग' अवधारणा पर विकसित की गई है जिसमें ऊर्जा की बचत के साथ-साथ वाटर रिचार्जिंग की सुविधा भी होगी। यह सार्वजनिक परिवहन का सबसे सुरक्षित, आरामदायक और विश्वसनीय साधन होगा।
किफायती
शहरी परिवहन के अन्य साधनों से सस्ती होगी कानपुर मेट्रो
कानपुर मेट्रो की सबसे बड़ी खासियत होगी कि यह शहरी परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सस्ती होगी। IIT-कानपुर से मोतीझील तक का नौ किलोमीटर लंबा प्राथमिक कॉरिडोर बुधवार से आम जनता की यात्रा के लिए खोल दिया जाएगा। तीन कोच वाली मेट्रो सेवाएं सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध रहेंगी।
शुरुआत में क्यूआर कोड से टिकट मिलेंगे, लेनिक कुछ दिन बाद से रेलवे की ओर से स्मार्ट कार्ड सुविधा भी शुरू की जाएगी।
जानकारी
गो स्मार्ट कार्ड से किराए में मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट
कानपुर मेट्रो की ओर से आने वाले दिनों में UPMRC गो स्मार्ट कार्ड भी पेश किया जाएगा। इससे यात्रा पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यह यात्रियों को संपर्क रहित यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगी। इससे यात्रियों को महामारी से सुरक्षा मिल सकेगी।
शुरुआत
साल 2019 में शुरू हुआ था मेट्रो परियोजना का काम
बता दें कि कानपुर मेट्रो परियोजना का निर्माण कार्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवंबर, 2019 को शुरू किया था। इसके बाद गत 10 नवंबर को मुख्यमंत्री ने 9 किलोमीटर लंबे प्राथमिक कॉरिडोर में मेट्रो के ट्रायल रन की शुरूआत की थी।
मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने तीन दिन में वाया-डक्ट, ट्रैक, स्टेशन परिसर, साइनेज, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल सुविधा आदि का निरीक्षण किया था। जिसमें सबकुछ सही मिलने पर कॉरिडोर पर कॉमर्शियल रन के लिए NOC मिल गई।
अन्य उपलब्धि
कानपुर मेट्रो की ये है अन्य उपलब्धियां
प्राथमिक कॉरिडोर के सभी नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) की प्लेटिनम रेटिंग से प्रमाणित किया गया है। प्राथमिक कॉरिडोर के नौ किमी के हिस्से को ग्रीन बिल्डिंग कोड के अनुसार विकसित किया गया है, जो इसे पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाता है।
ग्रीन बिल्डिंग कोड और मापदंडों के कड़े अनुपालन के कारण, इसे पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO-14001 प्रमाणन और सुरक्षा प्रबंधन के लिए ISO-45001 प्रमाणन के साथ प्रमाणित किया गया है।