सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की सिफारिश की
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति ने मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की सिफारिश की है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह जानकारी दी। मिश्रा को मिली जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सोमवार तक जमानत पर अपनी स्थिति साफ करने को कहा है।
SIT ने राज्य सरकार को मिले दो पत्र
बुधवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि SIT ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को दो पत्र भेजे हैं। इनमें मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने के बारे में कहा गया है। वहीं राज्य सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव को ऐसे कोई पत्र नहीं मिले हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें रिपोर्ट देखने की सलाह दी।
पीड़ित परिवारों ने किया है जमानत का विरोध
इलाहाबाद हाई कोर्ट के 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत देने के बाद पीड़ितों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया गया है। अपनी याचिका में परिजनों ने कहा कि जमानत देते वक्त हाई कोर्ट ने कुछ सिद्धांतों को अनदेखा किया और राज्य सरकार ने भी जमानत के खिलाफ कोई अपील नहीं की। उन्होंने मिश्रा के बाहर आने के बाद एक गवाह पर हमले का दावा भी किया।
राज्य सरकार ने कहा- जमानत का विरोध किया था
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत का पुरजोर विरोध किया था। पीड़ितों के परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि मिश्रा की जमानत का विरोध न करने की बात पूरी तरह से झूठी है। सरकार ने हिंसा को लेकर एक गवाह पर हमले के दावे को भी गलत बताया है।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर में पिछले साल 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बता चुकी है SIT
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था। चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जबकि उन्होंने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है। इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।