उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- आशीष की जमानत का पुरजोर विरोध किया था
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत का पुरजोर विरोध किया था। पीड़ितों के परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि मिश्रा की जमानत का विरोध न करने की बात पूरी तरह से झूठी है। सरकार ने हिंसा को लेकर एक गवाह पर हमले के दावे को भी गलत बताया है।
पीड़ितों के परिजनों ने क्या आरोप लगाए थे?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत देने के बाद पीड़ितों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया गया है। अपनी याचिका में परिजनों ने कहा कि जमानत देते वक्त हाई कोर्ट ने कुछ सिद्धांतों को अनदेखा किया और राज्य सरकार ने भी जमानत के खिलाफ कोई अपील नहीं की। उन्होंने मिश्रा के बाहर आने के बाद एक गवाह पर हमले का दावा भी किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों आरोपों को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा था, जिसने अपने जवाब में कहा है, "उत्तर प्रदेश सरकार के इलाहाबाद हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध न करने के आरोप पूरी तरह से असत्य हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जमानत की अर्जी का पुरजोर विरोध किया।" एक गवाह पर हमले के आरोप पर सरकार ने कहा कि होली के दौरान रंग फेंकने के एक निजी झगड़े के कारण उन पर हमला हुआ था।
पीड़ितों के परिजनों को प्रदान की जा रही सुरक्षा- सरकार
राज्य सरकार ने उन दावों को भी खारिज किया जिनमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद आरोपियों ने गवाह को उसे देख लेने की धमकी दी थी। सरकार ने कहा, "झगड़े के चश्मदीदों का कहना है कि ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया... लखीमपुर हिंसा के सभी पीड़ितों के परिजनों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने गवाहों को हथियारबंद गनर प्रदान किए हैं।"
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर में पिछले साल 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बता चुकी है SIT
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था। चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जबकि उन्होंने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है। इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।