भड़काऊ भाषण के आरोप में गिरफ्तार नहीं हुए नरसिंहानंद, महिला के खिलाफ टिप्पणी का है मामला
क्या है खबर?
हरिद्वार से गिरफ्तार किए गए यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी हरिद्वार 'धर्म संसद' में दिए भड़काऊ भाषण मामले में नहीं हुई है।
उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि उन्हें एक महिला के प्रति अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। भड़काऊ भाषण मामले में भी उन्हें नोटिस दिया गया है और जल्द ही उनकी रिमांड ली जा सकती है।
इससे पहले खबरें आई थीं कि नरसिंहानंद की गिरफ्तारी उनके भड़काऊ बयान के मामले में हुई है।
यति नरसिंहानंद
रिमांड लेने की कोशिश कर रही पुलिस
NDTV से बात करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "यति नरसिंहानंद को महिला के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। भड़काऊ भाषण मामले में उन्हें नोटिस दिया गया है और रिमांड पर लेने की प्रक्रिया चल रही है। हम नफरत भरे भाषण वाले मामले की भी जानकारी रिमांड आवेदन में देंगे।"
महिला के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मामला इसी महीने का है। इस मामले में भी नफरती भाषण की धारा जोड़ी गई है।
जानकारी
क्या है 'धर्म संसद' का मामला?
हरिद्वार में 17-19 दिसंबर को हुई 'धर्म संसद' में संतों ने भड़काऊ बयान दिए थे और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया था।
इसमें अन्नपूर्णा मां ने कहा था, "अगर इनकी जनसंख्या को खत्म करना है तो मारने को तैयार रहो। हम 100 ने इनके 20 लाख को भी मार दिया तो हम विजयी हैं।"
यति नरसिंहानंद इस 'धर्म संसद' के आयोजनकर्ताओं में से एक हैं और उन्होंने भी इसमें नफरत भरा भाषण दिया था।
जांच
SIT कर रही है मामले की जांच
भड़काऊ भाषण देने के मामले में दो FIR दर्ज हुई हैं। 23 दिसंबर को दर्ज पहली FIR में त्यागी, धर्मदास महाराज, अन्नपूर्णा मां, नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज महाराज के नाम शामिल हैं।
इसके बाद 2 जनवरी को दूसरी FIR दर्ज की गई थी। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है।
शुरुआती दिनों में उत्तराखंड पुलिस पर इस मामले में ढिलाई बरतने के भी आरोप लगे थे।
जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा है जवाब
सुप्रीम कोर्ट भी हरिद्वार 'धर्म संसद' मामले की सुनवाई कर रहा है और उसने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजकर 10 दिनों में जवाब मांगा है।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी एक नोटिस जारी किया है और उससे भी शहर में हुए एक कार्यक्रम के बारे में जवाब मांगा है। इस कार्यक्रम में भी मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की गई थी।
बता दें कि हालिया दिनों में ऐसे कई कार्यक्रम आयोजित हुए हैं।
जानकारी
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं पत्र
पांच पूर्व सैन्य प्रमुखों, कई नौकरशाहों और दूसरी कई सम्मानित हस्तियों ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस तरह के मामलों का संज्ञान लेने को कहा था।
पत्र में हरिद्वार और दिल्ली के आयोजनों और ईसाईयों, दलितों और सिखों समेत दूसरे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं का जिक्र किया गया था।
इसमें कहा गया था कि इससे आपसी भाईचारा खराब होगा और बाहरी ताकतें इसका फायदा उठा सकती हैं।