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हरिद्वार धर्म संसद: जांच के लिए SIT बनी, FIR में जोड़े गए दो नए नाम
हरिद्वार धर्म संसद मामले की जांच के लिए SIT बनी

हरिद्वार धर्म संसद: जांच के लिए SIT बनी, FIR में जोड़े गए दो नए नाम

Jan 02, 2022
12:49 pm

क्या है खबर?

पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित हुई 'धर्म संसद' में दिए भड़काऊ बयानों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। गढ़वाल के उप महानिरीक्षक (DIG) करण सिंह नगन्याल ने रविवार को बताया कि पुलिस अधीक्षक (SP) रैंक का अधिकारी SIT का प्रमुख होगा और दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शुरुआत में पुलिस पर इस मामले में ढिलाई बरते जाने के आरोप लगे थे।

पृष्ठभूमि

हरिद्वार में क्या हुआ था?

हरिद्वार में हुई 'धर्म संसद' में संतों ने भड़काऊ बयान दिए थे और लोगों को मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया था। इसमें अन्नपूर्णा मां ने कहा था, "अगर इनकी जनसंख्या को खत्म करना है तो मारने को तैयार रहो। हम 100 ने इनके 20 लाख को भी मार दिया तो हम विजयी हैं।" आनंद स्वरूप महाराज ने कहा था कि अगर हिंदू राष्ट्र बनाने की उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 1857 से भी भयानक युद्ध होगा।

जानकारी

FIR में जोड़े गए दो और नाम

शनिवार को पुलिस ने इस मामले में दर्ज FIR में दो और नाम जोड़े हैं। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक कुमार ने बताया कि जांच के बाद वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरी के नाम FIR मे शामिल किए गए हैं। FIR में धारा 295 भी जोड़ी गई है। अब तक इस मामले में जीतेंद्र त्यागी, साध्वी अन्नपू्र्णा और धर्मदास, यति नरसिंहानंद और सागर सिंधु समेत पांच लोग नामजद हुए हैं।

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आयोजनकर्ताओं में है यति नरसिंहानंद का नाम

हरिद्वार के सर्कल अधिकारी शेखर सुयाल ने बताया कि गाजियाबाद के डासना स्थित मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद इस 'धर्म संसद' के आयोजनकर्ता थे। अभी तक उनसे पूछताछ नहीं हो सकी है।

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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है मामला

'धर्म संसद' में भड़ाकऊ भाषण का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। 76 वकीलों ने इसे लेकर मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना को पत्र लिखा है। इस पत्र में दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम का भी जिक्र किया गया है और CJI से "जातीय संहार" का आह्वान करने वाले इन कार्यक्रमों का स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है। वकीलों ने कहा है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है, इसलिए न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है।

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पांच सेना प्रमुखों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

पांच पूर्व सेना प्रमुखों, कई नौकरशाहों और दूसरी कई सम्मानित हस्तियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस तरह के मामलों का संज्ञान लेने को कहा है। पत्र में हरिद्वार और दिल्ली के आयोजनों और ईसाईयों, दलितों और सिखों समेत दूसरे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं का जिक्र किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि इससे आपसी भाईचारा खराब होगा और बाहरी ताकतें इसका फायदा उठा सकती हैं।