हरिद्वार की "धर्म संसद" में जमकर भड़काऊ बयानबाजी, मरने या मारने को तैयार रहने को कहा

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई एक धर्म संसद के वीडियोज ने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती नफरत को एक बार फिर से उजागर किया है। इन में संतों को मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान और हिंदू राष्ट्र के लिए लड़ने की प्रतिज्ञा करते हुए देखा जा सकता है। ये कार्यक्रम यति नरसिम्हानंद ने आयोजित किया था जो पहले भी भड़काऊ बयान दे चुके हैं। कार्यक्रम तीन दिन पहले हुआ था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कार्यक्रम के एक वीडियो में निरंजिनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर और हिंदू महासभा की महासचिव अन्नपूर्णा मां को कहते हुए सुना जा सकता है, "अगर इनकी जनसंख्या को खत्म करना है तो मारने को तैयार रहें... हम 100 लोग भी सैनिक बन गए और इनके 20 लाख को भी मार दिया तो हम विजयी हैं... हम जो चाहते हैं, वो होगा और इस्लामिक भारत नहीं, सनातन वैदिक हिंदू राष्ट्र बहुत जल्दी घोषित होगा।"
बिहार के धर्मदास महाराज ने कार्यक्रम में कहा, "देश में 80 प्रतिशत हिंदू हैं और भारत हो रहा है इस्लामिक... जब भारत का प्रधानमंत्री संसद में बोलता है कि राष्ट्रीय संसाधनों पर सबसे पहला हक इस्लाम के मानने वालों का है... जब मैंने पढ़ा था पेपर में तो मन हुआ कि काश मैं भी सांसद होता और हाथ में रिवॉल्वर होता तो मैं नाथूराम हो जाता। मैं छह की छह गोलियां मनमोहन सिंह की छाती में उतार देता।"
“If you want to finish them off, then ki| them... We need 100 soldiers who can ki|l 20 lakh of them to win this.”
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) December 22, 2021
Annapurna Maa, Mahamandleshwar of Niranjini Akhada and General secretary of Hindu Mahasabha. #HaridwarHateAssembly pic.twitter.com/9CES82OWEX
कार्यक्रम के एक अन्य वीडियो में आनंद स्वरूप महाराज कह रहे हैं, "अगर सरकारें हमारी (भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की) मांग को नहीं मानती हैं तो 1857 का जो युद्ध हुआ, उससे भी भयानक युद्ध लड़ा जाएगा।" होटल मालिकों को धमकाते हुए उन्होंने कहा कि हरिद्वार हिंदुओं की धर्मनगरी है, इसलिए अब यहां क्रिसमस या ईद नहीं मनाया जाएगी और जो होटल वाले क्रिसमस औ ईद बनाएंगे, अपने होटल की जिम्मेदारी उनकी होगी।
कार्यक्रम के आयोजक यति नरसिम्हानंद ने कहा, "हथियार उठाए बिना धरती की कोई कौम न तो बच सकती है और न ही कभी बचेगी... तलवारें केवल मंचों पर दिखाने के काम आने वाली हैं, लड़ाई मैं जीतता वो है जिसके हथियार शत्रु से ज्यादा ताकतवर होते हैं... ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अच्छे से अच्छे हथियार, यही तुम्हें बचाएंगे।" स्वामी परबोधानंद ने कहा, "खुद मरने को तैयार रहो या मारने को। दूसरा कोई विकल्प नहीं है।"
कार्यक्रम में यति ने प्रभाकरण (लिट्टे प्रमुख) बनने को तैयार हिंदू संन्यासी को एक करोड़ रुपये देने का वादा भी किया। उन्होंने कहा, "जब तक हर हिंदू मंदिर में एक प्रभाकरण, एक भिंडरांवाले और एक शाबेग सिंह नहीं होगा, तब तक हिंदू नहीं बचेगा।"
सोशल मीडिया पर इन बयानों और इस कार्यक्रम की कड़ी निंदा की जा रही है और इनमें पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वीपी मलिक भी शामिल हैं। उन्होंने मामले में कार्रवाई की मांग की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये करीब तीन दिन पुराने हैं, लेकिन मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता साकेत गोखले कार्यक्रमों के आयोजकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।