परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- भारत में ही हूं, कहीं भागने का इरादा नहीं
क्या है खबर?
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह भारत में ही हैं और उनका कहीं भागने का इरादा नहीं है। उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी देते हुए बताया कि सिंह को महाराष्ट्र पुलिस से जान का खतरा है और इसलिए वो सामने नहीं आ रहे हैं।
इस पर जब कोर्ट ने हैरानी जताई तो वकीलों ने कहा कि गृह मंत्री (अनिल देशमुख) पर उगाही रैकेट चलाने के आरोप लगाने की वजह से उन्हें फंसाया जा रहा है।
पृष्ठभूमि
सिंह ने देशमुख पर क्या आरोप लगाए थे?
मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी गाड़ी मिलने के मामले में गिरफ्तार किए गए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था।
उन्होंने यह भी कहा था कि देशमुख पुलिसकर्मियों को घर बुलाकर मामलों की जांच को विशेष दिशा में ले जाने को कहते थे।
सुनवाई
गिरफ्तारी से राहत, जांच में शामिल होने को कहा
सोमवार को सिंह ने कहा कि 48 घंटों के भीतर केंद्रीय जांच एजेंसी CBI के सामने पेश होने को तैयार हैं और अगर वो गलत होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है और उन्हें गिरफ्तारी से राहत देते हुए जांच में शामिल होने को कहा है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार और CBI को नोटिस जारी किया है।
मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।
जानकारी
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पूछा था ठिकाना
फरार घोषित किए जा चुके परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी थी। बीते गुरुवार को इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनका ठिकाना पूछा था।
इसके जवाब में सिंह के वकील ने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा दी जाती है तो वो सामने आ सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक उनके ठिकाने का पता नहीं चलता, तब तक कोई सुरक्षा नहीं दी जा सकती।
जांच
बीते हफ्ते फरार घोषित किए गए थे सिंह
जबरन वसूली के आरोपों से घिरे हुए परमबीर सिंह के खिलाफ जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उन्हें फरार घोषित करने के लिए एक अदालत में याचिका दायर की थी।
इसे मंजूर करते हुए अदालत ने बुधवार को उन्हें फरार घोषित कर दिया है और हाजिर होने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
अगर सिंह इस दौरान पेश नहीं होते हैं तो उनकी सपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
जानकारी
आरोपों के सबूत नहीं दे पाए थे परमबीर सिंह
देशमुख के खिलाफ लगाए आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार ने चांदीवाल आयोग का गठन किया था।
आयोग की तरफ से कई समन भेजे जाने के बाद भी सिंह पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। उन्होंने वकील के जरिये आयोग को बताया था कि उनके पास देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों के मामले में कोई सबूत नहीं है।
इसी बीच सिंह के खिलाफ ठाणे और मुंबई में जबरन वसूली के मामलों में जांच शुरू हो गई।
जानकारी
सिंह के खिलाफ जारी हो चुके हैं दो गैर-जमानती वारंट
जबरन वसूली मामलों में परमबीर सिंह के खिलाफ दो गैर-जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। दूसरी तरफ समन मिलने के बावजूद परमबीर सिंह के पेश न होने के बाद जांच एजेंसियों ने उनकी तलाश की, लेकिन वो नहीं मिल रहे हैं।