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बंगाल: चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट सख्त, सभी पीड़ितों के मामले दर्ज करने का आदेश
चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट सख्त

बंगाल: चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट सख्त, सभी पीड़ितों के मामले दर्ज करने का आदेश

Jul 02, 2021
02:59 pm

क्या है खबर?

विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा के सभी पीड़ितों के मामले दर्ज करने, पीड़ितों को इलाज और राशन मुहैया कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी पीड़ित के पास राशन कार्ड नहीं है तब भी उसे राशन दिया जाना चाहिए। साथ ही मुख्य सचिव को हिंसा से जुड़े सभी दस्तावेज सुरक्षित रखने को कहा गया है।

पृष्ठभूमि

विधानसभा चुनाव के बाद कई जिलों में भड़की थी हिंसा

2 मई को आए विधानसभा चुनावों के नतीजों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 213 सीटों पर कब्जा जमाते हुए फिर से सत्ता में वापसी की थी। परिणामों के बाद राज्य के कई जिलों में हिंसा भड़क गई थी। हुबली में भाजपा के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था। इतना ही नहीं कई जगहों पर भाजपा और TMC कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। इन घटनाओं में कई लोगों की मौत होने की सूचनाएं सामने आई थी।

जानकारी

दोबारा होगा भाजपा नेता के शव का पोस्टमार्टम

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भाजपा नेता अभिजीत सरकार का दोबारा पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है। उनका पोस्टमार्टम कोलकाता के कमांड अस्पताल में होगा। उनकी कथित तौर पर चुनाव बाद हुई हिंसा में हत्या हुई थी।

सुनवाई

जाधवपुर प्रशासन को कारण बताओ नोटिस

मामले की सुनवाई करते हुए पांच जजों की बेंच ने जाधवपुर जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए। दरअसल, हिंसा पीड़ितों का आरोप है कि जब वो अपनी शिकायत लेकर गए थे तो प्रशासन ने उनकी बातें नहीं सुनी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिए हैं।

जानकारी

कोर्ट के आदेश पर मानवाधिकार आयोग ने की थी जांच

याद दिला दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक समिति बनाकर चुनाव के बाद हुई हिंसा में मानवाधिकार के हनने के मामलों की जांच करने को कहा था। पश्चिम बंगाल को यह फैसला पसंद नहीं आया और उसने कोर्ट में मानवाधिकार आयोग से जांच न करवाने की याचिका दायर कर दी। हालांकि, सरकार की इस याचिका को कोर्ट ने ठुकरा दिया। इसके बाद आयोग की टीम ने बंगाल जाकर घटना की जांच की।

जानकारी

आयोग की टीम पर हुआ हमला

हाई कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने हिंसा प्रभावित इलाकों में जाकर जांच की। इसी दौरान 29 जून को जाधवपुर में इस टीम पर हमला हुआ था।

आरोप-प्रत्यारोप

भाजपा और TMC ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

बंगाल में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि हिंसा में उनके 16 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। दूसरी तरफ भाजपा ने आरोप लगाया था कि TMC समर्थक गुंडों ने उसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी और महिला कार्यकर्ताओं पर भी हमला किया। हालांकि, बनर्जी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए आरोप लगाया कि हिंसा की घटनाएं उन्हीं इलाकों में हुई हैं, जहां पर भाजपा उम्मीदवारों ने भारी मतों से जीत हासिल की है।