अमेरिका ने भारत की 19 कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध, क्या होगा असर?
अमेरिका ने भारत की 19 कंपनियों और 2 नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका का कहना है इन कंपनियों ने यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में रूस की मदद की थी। भारत के अलावा करीब 15 देशों की 400 कंपनियों और लोगों पर भी ये पाबंदी लगाई गई है। अब सामने आया है कि प्रतिबंधों का सामना कर रही ज्यादातर कंपनियां सैन्य इस्तेमाल की सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और तकनीक की आपूर्ति करती थी।
दोहरे उपयोग वाली वस्तुएं रूस को भेजती थी कंपनियां
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ज्यादातर कंपनियां दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं को रूस को निर्यात करती थी। ऐसी वस्तुओं का उपयोग नागरिक और सैन्य दोनों कामों में किया जा सकता है। कुछ कंपनियां विमानों के कलपुर्जे और दूसरे उपकरण रूस को भेजती थी। बता दें कि ऐसी कई वस्तुएं अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU), जापान और ब्रिटेन द्वारा बनाई गई कॉमन हाई प्रायोरिटी लिस्ट (CHPL) का हिस्सा हैं। CHPL में ऐसी वस्तुएं हैं, जिन्हें रूस हथियार कार्यक्रमों के लिए खरीदना चाहता है।
प्रतिबंधित कंपनियों में कौन-कौनसे नाम शामिल हैं?
अमेरिका द्वारा जारी नई सूची में आभार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज, डेनवास सर्विसेज, एम्सिस्टेक, इनोवियो वेंचर्स, गैलेक्सी बियरिंग्स, ऑर्बिट फिनट्रेड, पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स, मास्क ट्रांस, TCMD ग्लोबल, फ्यूट्रेवो, खुशबू होनिंग, लोकेश मशीन, शार्पलाइन ऑटोमेशन, शौर्य एयरोनॉटिक्स, श्रीजी इम्पेक्स, श्रेया लाइफ साइंसेज और RRG इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज शामिल हैं। दिल्ली स्थित एसेंड एविएशन और उसके 2 निदेशकों- विवेक कुमार मिश्रा और सुधीर कुमार को भी अमेरिका ने प्रतिबंधित सूची में डाला है। ये कंपनी विमानों के कलपुर्जे बनाती है।
प्रतिबंधों का क्या होगा असर?
प्रतिबंधों के बाद इन कंपनियों की अमेरिकी संपत्तियों और सब्सिडरी कंपनियों पर रोक लगा दी गई है और ये कंपनियां अमेरिकी संस्थाओं के साथ भी लेन-देन नहीं कर पाएंगी। अमेरिका और अमेरिका के बाहर भी प्रतिबंधित कंपनियों के साथ कारोबार में शामिल दूसरी कंपनियों पर भी प्रतिबंध का खतरा मंडराएगा। अगस्त में अमेरिकी अधिकारियों ने इनके साथ किसी भी तरह के लेन-देन करने वाले लोगों और फर्मों को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका ने पहले भी लगाए थे भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध
अमेरिका पहले भी भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुका है। नवंबर 2023 में अमेरिका ने भारतीय कंपनी 'Si2 माइक्रोसिस्टम्स' को रूस की सेना को अमेरिकी सामान भेजने के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया था। हाल ही में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने चेतावनी दी थी कि कोई भी भारतीय कंपनी, जो रूस के खिलाफ वैश्विक प्रतिबंधों का उल्लंघन करती है, उसे इससे जुड़ी परिणामों के लिए भी तैयार रहना चाहिए।