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मंकीपॉक्स: भारत का दूसरा मामला भी केरल में, दुबई से लौटे शख्स को पाया गया संक्रमित
केरल में दुबई से लौट शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया

मंकीपॉक्स: भारत का दूसरा मामला भी केरल में, दुबई से लौटे शख्स को पाया गया संक्रमित

Jul 18, 2022
06:22 pm

क्या है खबर?

भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला मिला है। केरल के कन्नूर जिले में दुबई से लौटे एक 31 वर्षीय शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। संक्रमित शख्स 13 जुलाई को दुबई से कर्नाटक के मंगलुरू एयरपोर्ट आया था। उसमें संक्रमण के लक्षण बाद में दिखे, जिसके बाद उसे कन्नूर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसके सैंपल को टेस्ट के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया। इस टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

पहला मामला

पिछले हफ्ते केरल में ही सामने आया था मंकीपॉक्स का पहला मामला

इससे पहले पिछले हफ्ते गुरूवार को भी केरल में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे एक शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया था। ये केरल और भारत दोनों में मंकीपॉक्स का पहला मामला था। कोल्लम का रहने वाला यह 35 वर्षीय शख्स पूरी तरह से ठीक है। उसके संपर्क में आए लोगों पर नजर रखी जा रही है और जिस फ्लाइट से वह आया था, उसके सभी यात्रियों पर 21 दिन तक नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

सतर्कता और गाइडलाइंस

पहला मामला आने के बाद से ही सतर्क है केंद्र सरकार, गाइडलाइंस की जारी

पहला मामला सामने आने के बाद से ही केंद्र सरकार सतर्क है और उसने बीमारी से निपटने में राज्य सरकार की मदद करने के लिए एक टीम को केरल भेजा है। इसके अलावा उसने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं जिनमें उन्हें बीमार यात्रियों के संपर्क में न आने की सलाह दी गई है। उन्हें बुशमीट न खाने और अफ्रीका के जंगली जानवरों से बने उत्पादों का इस्तेमाल न करने को भी कहा गया है।

मंकीपॉक्स

क्या है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ये सबसे पहले 1958 में बंदरों की एक बस्ती में मिला था और वहीं से इसे अपना नाम मिला है। यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।

लक्षण

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स और क्या हैं इसके लक्षण?

मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और कुछ ही दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।

देश

इन देशों में सामने आ चुके हैं मंकीपॉक्स के मामले

अभी तक अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इजरायल, स्विट्जरलैंड समेत लगभग 60 देशों में मंकीपॉक्स के 6,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामले यूरोप में सामने आए हैं। कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो, गैबोन, लाइबेरिया, नाइजीरिया और सिएरा लियोन जैसे अफ्रीकी देशों में ये वायरस पहले से ही मौजूद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने देशों से इस बीमारी से सतर्क रहने को कहा है।