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WHO ने पंजाब में निर्मित कफ सिरप को लेकर जारी की चेतावनी, बताया जान का खतरा 
WHO ने पंजाब में निर्मित कफ सिरप को लेकर जारी किया अलर्ट

WHO ने पंजाब में निर्मित कफ सिरप को लेकर जारी की चेतावनी, बताया जान का खतरा 

Apr 26, 2023
12:51 pm

क्या है खबर?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पंजाब की एक फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित एक कफ सिरप को लेकर चेतावनी जारी की है। WHO ने कहा कि यह सिरप मार्शल द्वीप समूह और माइक्रोनेशिया में दूषित पाई गई है और इसके सेवन से लोगों और खासकर बच्चों को गंभीर बीमारियों से लेकर मौत तक का खतरा है। गौरतलब है कि इससे पहले नोएडा की एक कंपनी के कफ सिरप से उज्बेकिस्तान में कई बच्चों की मौत हो गई थी।

बयान 

सिरप में मिली एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा- WHO

WHO ने कहा कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है। WHO के मुताबिक, पंजाब की क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड इस सिरप का उत्पादन करती है और हरियाणा की ट्रिलियम फार्मा के साथ एक करार के तहत अन्य देशों में वितरित करती है। इन दोनों ही कंपनियों ने फिलहाल WHO की चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की है।

अपील 

WHO ने की सिरप का इस्तेमाल न करने की अपील 

WHO ने अपनी चेतावनी में सभी सदस्य देशों से इस कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। बतौर रिपोर्ट्स, WHO ने पंजाब सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की सिफारिश की है। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के दवा नियामक प्राधिकरण ने सिरप के सैंपल की जांच की थी, जिसकी रिपोर्ट WHO को भेजी गई थी। इसमें डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा पाई गई।

बयान

कंपनी ने अपनी सफाई में क्या कहा? 

क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक सुधीर पाठक ने कहा कि पंजाब के खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) को संदेह है कि किसी ने कंबोडिया भेजे गए सिरप की नकल की है और फिर भारत सरकार को बदनाम करने के लिए इसे मार्शल द्वीप समूह और माइक्रोनेशिया में बेच दिया। उन्होंने कहा कि FDA ने जांच के लिए कंबोडिया भेजे गए कफ सिरप के सैंपल ले लिए हैं। बता दें कि सिरप की 18,336 शीशियां कंबोडिया भेजी गई थीं।

मामला 

उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से हुई थी 18 बच्चों की मौत 

पिछले साल दिसंबर में उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया था। इन सभी बच्चों ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के नोएडा की मारिओन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित डोक-1 मैक्स सिरप पी थी, जिसमें डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की मिलावट थी। इसके बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने एक ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर कंपनी के दो निदेशकों समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

मिलावट 

सिरप में अवैध रूप से मिलाया जाता है एथिलीन ग्लाइकोल

तरल दवाओं (सिरप) में सॉल्वैंट्स के रूप में डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अवैध रूप से मिलावट की जाती है। बतौर रिपोर्ट्स, कई फार्मास्युटिकल कंपनियां अपनी लागत बचाने के लिए तरल दवाओं में ग्लिसरीन या प्रोपलीन जैसे सॉल्वैंट्स के विकल्प के रूप में डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल का इस्तेमाल करती हैं। इनका सेवन सेहत के लिए काफी हानिकारक और घातक साबित हो सकता है।

जानकारी

एथिलीन ग्लाइकोल के सेवन से क्या-क्या हो सकता है?

एथिलीन ग्लाइकोल के सेवन के बाद उल्टी, अवसाद, पेट दर्द, दस्त, पेशाब करने में परेशानी, सिरदर्द और बेहोशी जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। अधिक मात्रा में लिए जाने पर व्यक्ति की कोमा में जाने के बाद मौत तक हो सकती है।