चेन्नई समेत तमिलनाडु के कई हिस्सों में इतनी बारिश क्यों हो रही है?
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में शनिवार रात से भारी बारिश हो रही है। इसके चलते राज्य सरकार ने चेन्नई और आसपास के चार जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी कर दी है और बारिश के अनुमान को देखते हुए यहां ऑरेंज अलर्ट जारी है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन खुद बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा करने निकले और बताया कि कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। आइये, जानते हैं कि यहां इतनी बारिश क्यों हो रही है?
छह साल बाद हो रही इतनी बारिश
करीब छह साल के अंतर के बाद एक बार फिर चेन्नई समेत तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार यहां 11 नवंबर तक बारिश जारी रह सकती है। इसे देखते हुए सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों के लिए NDRF, अग्निशमन विभाग और पुलिस को तैनात किया गया है। राज्य सरकार ने कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है, जहां से 1070 नंबर डायल कर मदद मांगी जा सकती है।
मौसम विभाग ने क्या अनुमान लगाया है?
मौसम विभाग ने बयान जारी कर कहा कि तमिलनाडु और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में कम दबाव वाला क्षेत्र बनने के कारण 9-11 नवंबर को बहुत तेज बारिश हो सकती है। क्षेत्रीय मौसम केंद्र के उप निदेशक डॉ एस बालाचंद्रन ने बताया कि अरब सागर में डिप्रेशन और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण अक्टूबर से दिसंबर के बीच उत्तर हिंद महासागर में चक्रवात बनने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है।
बारिश की क्या वजह है?
तमिलनाडु में हो रही बारिश का सबसे बड़ा कारण उत्तर पूर्वी मानसून है, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच इस क्षेत्र में आकार लेता है। उत्तर भारत में बारिश के लिए जिम्मेदार दक्षिण पश्चिमी मानसून वापसी में एक सप्ताह की देरी के कारण इस बार इसकी शुरुआत 26 अक्टूबर से हुई थी। दक्षिण पश्चिमी मानसून के लौटने के बाद हवा का पैटर्न बदलकर उत्तर पूर्वी हो जाता है, जिस कारण उत्तर पूर्वी मानसून की शुरुआत होती है।
अभी तक हो चुकी 43 फीसदी अधिक बारिश
भारत में दो मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश होती है। देश की करीब 75 फीसदी बारिश दक्षिण पश्चिमी मानसून से होती है, जबकि बची हुई बारिश उत्तर पूर्वी मानसून करता है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकतर इलाकों में उत्तर पूर्वी मानसून के कारण होती है। इसके बारे में अधिक अनुमान लगा पाना मुश्किल होता है, लेकिन इस साल यह अभी तक जोर पकड़ रहा है। इसकी वजह से 43 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।
इस वजह से बढ़ी तीव्रता
उत्तर पूर्वी मानसून के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र और अरब सागर में बन रही स्थितियों ने तमिलनाडु में बारिश की तीव्रता बढ़ा दी है। डॉ बालाचंद्रन ने इंडिया टुडे को बताया कि अगले 48 घंटों तक तमिलनाडु में कई जगहों पर बारिश होने का अनुमान है और हर जगह इसकी तीव्रता अलग हो सकती है। वहीं बारिश से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सरकार ने चेन्नई में 160 राहत केंद्र खोले हैं।