मुंबई: कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों में देखे जा रहे कावासाकी जैसे लक्षण, डॉक्टर्स परेशान
क्या है खबर?
मुंबई में कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों में कावासाकी बीमारी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं और डॉक्टर्स इसे लेकर चिंतित हैं। शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित लगभग 100 बच्चों में से 18 बच्चों में पीडिएट्रिक मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (PMIS) देखा गया है। इनमें से दो बच्चों की मौत भी हो चुकी है।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका और ब्रिटेन में भी कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों में कावासाकी जैसे लक्षण देखने को मिले थे।
लक्षण
बच्चों में दिख रहे ये लक्षण
बच्चों में दिखने वाले कावासाकी जैसे लक्षणों के बारे में बताते हुए SRCC बाल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अमीश बोरा ने कहा, "शुरूआती दो-तीन दिन पेट में दर्द और डायरिया के साथ बुखार रहता है। 100 प्रतिशत मरीजों को बुखार आता है, 80 प्रतिशत को डायरिया और उल्टी होती हैं, 60 प्रतिशत संक्रमित बच्चों की आंखे लाल हो जाती हैं और बाकियों के मुंह में छाले और त्वचा पर चकत्ते हो जाते हैं।"
बयान
लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं- डॉ बोरा
डॉ बोरा ने कहा कि ऐसे लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर दूसरे दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और अभी तक बड़े अस्पतालों में ऐसे 100 बच्चों को भर्ती किया गया है।
मौत
मरने वाले बच्चों में एक को पहले से था कैंसर
वाडिया बाल अस्पताल की मेडिकल निदेशक डॉ शकुंतला ने कहा, "दो बच्चों की मौत हुई है। एक को कोरोना वायरस के साथ-साथ कैंसर था और दूसरा बच्चा जब हमारे पास आया तब बहुत गंभीर स्थिति में था। वह दो हफ्ते से बीमार थी और इसके बाद उसे हमारे पास रेफर किया गया। वेंटीलेटर पर रखने के छह घंटे के अंदर ही उसकी मौत हो गई क्योंकि हमें उसके साथ ज्यादा समय नहीं मिला। चार मरीज अभी ठीक हो रहे हैं।"
आपबीती
PMIS से ग्रसित बच्ची के परिजन ने बताई आपबीती
PMIS से ग्रसित ऐसी ही एक बच्ची के परिजन रविंद्र बोरकर ने 'NDTV' को आपबीती बताते हुए कहा, "मेरे भाई की एक साल की बेटी है। मेरे इलाके के डॉक्टर ने मलेरिया और टाइफायड की शंका जाहिर की। हम कई दिन परेशान रहे। फिर हम यहां (वाडिया अस्पताल) आए और डॉक्टर ने कहा कि उसका ब्लड प्रेशर कम है और 70 से कम है। इसके बाद इलाज शुरू हुआ और IVIG इंजेक्शन दिया गया जिससे उसकी तबीयत में सुधार हुआ।"
चिंता का विषय
15 साल तक के बच्चों में दिख रहे लक्षण
कावासाकी बीमारी आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में देखी जाती है, लेकिन भारत में 10 महीने से 15 साल तक के बच्चों में ये लक्षण देखने को मिल रहे हैं और डॉक्टर इसे लेकर बेहद चिंतित हैं।
डॉक्टर्स इन मामलों पर करीबी नजर रखे हुए हैं और अपने निष्कर्षों के बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा परिषद (ICMR) को लगातार सूचित कर रहे हैं। चेन्नई, दिल्ली और जयपुर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं।