कोरोना वायरस: देश के प्रमुख शहरों में क्वारंटाइन के क्या-क्या नियम हैं?
देश में घरेलू उड़ानों का संचालन शुरू होने के बाद से सभी राज्य सरकारों ने अपने प्रमुख शहरों में संक्रमण को रोकने के लिए क्वारंटाइन नियम लागू किए थे। इसमें किसी ने यात्रियों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन तो किसी ने होम क्वारंटाइन अलग से लागू किया था। ऐसे में हवाई यात्रा कर इन शहरों में जाने वाले लोगों में इन नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। आइए यहां जानते हैं भारत के सभी प्रमुख शहरों के नियम।
दिल्ली में आने वाले यात्रियों को एक सप्ताह के लिए रहना पड़ता है होम क्वारंटाइन
देश की राजधानी दिल्ली 89,802 संक्रमितों और 2,803 मौतों के साथ देश में कोरोना का हॉटस्पॉट बनी हुई है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को एक सप्ताह के लिए होम क्वारंटाइन या आइसोलेशन में रहना होता है। इसके अलावा कोरोना के लक्षण नजर आने पर उसे चिकित्सा अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी पड़ती है। इसके बाद उनकी जांच की जाती है और लक्षण के आधार पर अस्पताल में भर्ती या होम आइसोलेशन में भेजा जाता है।
मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप रखना है अनिवार्य
दिल्ली में आने वाले सभी लोगों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप रखना अनिवार्य किया गया है। इसके बिना उसे शहर में प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सात दिन संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता है।
मुंबई में आने वालों को दो सप्ताह के लिए किया जाता है होम क्वारंटाइन
मुंबई में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 78,708 पर पहुंच गई है और 4,629 से अधिक मौतें हुई हैं। यहां पहुंचने वाले यात्रियों को दो सप्ताह होम क्वारंटाइन किया जाता है और लक्षण नजर आने पर उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाता है। आने वाले लोगों की पहचान के लिए उनके हाथ पर क्वारंटाइन की मुहर लगाई जाती है। बिना लक्षण वाले लोगों को क्वारंटाइन की जरूरत नहीं होती है। यहां भी ट्रेकिंग ऐप अनिवार्य है।
बैंगलुरू में राज्यों के आधार पर बनाए गए हैं नियम
बंगलौर में वर्तमान में संक्रमितों की संख्या 4,649 से अधिक पहुंच गई है और 97 मौतें हो चुकी हैं।यहां पांच जुलाई से पूर्ण लॉकडाउन किया जाएगा। कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र के हॉटस्पॉट इलाकों से बेंगलुरू आने वाले लोगों के लिए सात दिन संस्थागत क्वारंटाइन और उसके बाद दो सप्ताह होम क्वारंटाइन अनिवार्य कर रखा है। इसी तरह दिल्ली और चेन्नई से आने वालों के लिए पहले तीन दिन संस्थागत क्वारंटाइन का नियम था, लेकिन अब उसे हटा दिया है।
अन्य राज्यों से आने वालों को रहना पड़ता है होम क्वारंटाइन
महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों से बेंगलुरू आने वालों को दो सप्ताह होम क्वारंटाइन रहना पड़ता है। इसके अलावा वहां पहुंचने से पहले लोगों को राज्य की कोरोना ट्रैकिंग और निगरानी वेबसाइट सेवा सिंधु पर आवश्यक रूप से पंजीकरण करना होता है।
कोलकाता में भी राज्यों की स्थिति के आधार पर बनाए गए हैं नियम
कोलकाता में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5,811 हो गई तथा अब तक 371 लोगों की मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल सरकार ने महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु से यहां आने वाले यात्रियों के लिए 14 दिन का संस्थागत क्वारंटाइन अनिवार्य किया है। अन्य राज्यों से आने वालों को दो सप्ताह के लिए होम क्वारंटाइन में रहना पड़ता है। इसके अलावा सभी यात्रियों को ट्रैकिंग के लिए स्थानीय 'साधने ऐप' पर घोषणा पत्र भरना होता है।
हैदराबाद के लिए नहीं है कोई भी क्वारंटाइन नियम
हैदराबाद में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद सरकार 15 दिन के लॉकडाउन की योजना बना रही है। यहां आने वाले यात्रियों के लिए सरकार ने कोई क्वारंटाइन नियम लागू नहीं किया गया है। कोरोना लक्षण वालों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाता है।
चेन्नई जाने के लिए कोरोना टेस्ट कराना है आवश्यक
तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या 94,049 हो गई है और अब तक 1,264 लोगों की मौत हो चुकी है। चेन्नई जाने वाले लोगों का कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य है। इसके अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात जैसे हॉटस्पॉट राज्यों से आने वालों को सात दिन संस्थागत क्वारंटाइन में रहना पड़ता है। अन्य राज्यों के यात्रियों को 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होता है। इसके अलावा लोगों को राज्य की वेबसाइट से 'टीएन ई-पास' भी लेना होता है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
देश में कोरोना वायरस के मामले छह लाख से पार हो गए हैं। गुरुवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6,04,641 हो गई है। इनमें से 2,26,947 सक्रिय मामले हैं, 3,59,860 लोग महामारी को हराकर ठीक हुए हैं और 17,834 मरीजों की मौत हुई है। बीते 24 घंटों में देश में महामारी के 19,148 नए मरीज सामने आए और 434 लोगों की इस खतरनाक वायरस के कारण मौत हुई।