#NewsBytesExplainer: भारत ने गाजा में युद्ध विराम वाले UN के प्रस्ताव से क्यों बनाई दूरी?
क्या है खबर?
इजरायल-हमास युद्ध 22वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इसी बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के उस प्रस्ताव में वोट नहीं किया, जिसमें गाजा में युद्ध विराम की बात कही गई थी।
भारत ने मतदान से दूर रहने पर कहा कि इस प्रस्ताव में हमास का जिक्र नहीं है और UN को आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश देने की जरूरत है।
आइए जानते हैं कि भारत ने इस प्रस्ताव पर मतदान क्यों नहीं किया।
क्या मामला?
UN में किसने और कब पेश किया प्रस्ताव?
27 अक्टूबर को UN महासभा में 'आम नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखने' शीर्षक वाला ये प्रस्ताव जॉर्डन ने पेश किया था।
इस प्रस्ताव में इजरायल-हमास युद्ध को तत्काल रोकने और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था। प्रस्ताव के पक्ष में 120, जबकि विरोध में 14 वोट पड़े।
मतदान में भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन समेत 45 देशों ने हिस्सा नहीं लिया।
भारत
भारत ने UN के प्रस्ताव से क्यों बनाई दूरी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने UN महासभा के प्रस्ताव में फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास का जिक्र न होने पर आपत्ति जताई।
भारत ने गाजा में आतंकियों द्वारा बंधक बनाए नागरिकों की 'तत्काल और बिना शर्त रिहाई' का भी आह्वान किया है।
भारत ने UN महासभा में उम्मीद जताई है कि इजरायल-हमास युद्ध विराम को लेकर हुई इस चर्चा से आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश जाएगा और इससे कूटनीति एवं बातचीत की संभावनाओं का विस्तार होगा।
भारत
UN में भारत ने क्या स्पष्टीकरण दिया?
UN में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "ऐसी दुनिया में जहां मतभेदों और विवादों को बातचीत से हल किया जाना चाहिए और इस प्रतिष्ठित संस्था को हिंसा की घटनाओं पर अवश्य चिंतित होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हिंसा जब इतने बड़े पैमाने पर होती है तो ये बुनियादी मानवीय मूल्यों का अपमान है। राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के साधन के रूप में हिंसा का इस्तेमाल भारी नुकसान पहुंचाता है।"
प्रतिनिधि
UN में भारत की प्रतिनिधि ने क्या कहा?
पटेल ने कहा, "आतंकवादी हमले घातक हैं और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती। दुनिया को आतंकवादी कृत्यों को जायज ठहराने की कोशिश करने वालों पर गौर नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हम मतभेदों को दूर रखें, एकजुट हों और आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का दृष्टिकोण अपनांए। भारत भी गाजा क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और नागरिकों के मौतों से बेहद चिंतित है और वह सभी पक्षों से तनाव कम करने का आग्रह करता है।"
भारत
भारत ने कनाडा के किस प्रस्ताव का किया समर्थन?
इसी बीच भारत में UN महासभा में कनाडा द्वारा प्रस्तावित एक संशोधन प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें हमास के इजरायल पर किए गए हमलों की निंदा की मांग की गई थी।
प्रस्ताव में एक पैराग्राफ जोड़ने की मांग की गई है, जिसमें कहा गया है कि महासभा 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल में शुरू हुए हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा करती है।
हालांकि, UN में इस संशोधन को अपनाने के लिए जरूरी वोट नहीं मिले।
अमेरिका
UN के प्रस्ताव पर अमेरिका ने क्या कहा?
UN में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने प्रस्ताव पर मतदान से पहले हमास और बंधकों का जिक्र न होने पर नाराजगी जताते हुए इसे एक बड़ी चूक बताया है।
उन्होंने कहा, "यह प्रस्ताव उन निर्दोष लोगों का कोई जिक्र नहीं करता है, जिनमें इस कमरे में मौजूद आप में से कई नागरिक शामिल हैं, आप में से कई लोग आज यहां हैं, जिनके नागरिक हमास और अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा बंधक बनाए गए हैं।"