केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में क्यों दी गई है मौत की सजा?
क्या है खबर?
यमन में अपने साथी की हत्या के आरोप में मौत की पाने वाली केरल की नर्स निमिषा प्रिया के परिवार को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है।
यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा की सजा को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब उसे जल्द ही फांसी मिल सकती है।
इस बीच भारत सरकार ने मामले में निमिषा की हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
आइए जानते हैं आखिर निमिषा को वहां मौत की सजा क्यों मिली है।
परिचय
निमिषा प्रिया कौन हैं?
36 वर्षीय नर्स निमिषा केरल के पलक्कड़ की मूल निवासी हैं।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, वह साल 2008 में महज 19 साल की उम्र में अपने माता-पिता की मदद करने के लिए यमन चली गईं, जो दिहाड़ी मजदूरी करते थे।
इसके बाद उसने पश्चिम एशियाई देश में कुछ क्लीनिकों में काम भी किया। इसके बाद वह 2011 में वह टॉमी थॉमस से शादी करने के लिए केरल लौट आईं और फिर दोनों वापस यमन चले गए।
क्लीनिक
निमिषा ने 2014 में यमन में खोला खुद का क्लीनिक
रिपोर्ट के अनुसार, शादी के बाद थॉमस ने मामूली वेतन पर इलेक्ट्रीशियन सहायक का काम किया। 2012 में बेटी के जन्म के बाद दोनों को आर्थिक झेलनी पड़ी और 2014 में थॉमस अपनी बेटी के साथ कोच्चि लौट आया।
इसके बाद निमिषा ने अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया, लेकिन यमन के कानून के अनुसार उसे ऐसा करने के लिए स्थानीय व्यक्ति की साझेदारी की जरूरत थी।
इस पर उसने तलाल अब्दो महदी से हाथ मिला लिया।
परेशानी
महदी ने निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया
क्लीनिक खोलने के बाद महदी नियमित रुप से वहां जाता था, लेकिन इस बीच उसने निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया।
इस पर निमिषा ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। साल 2016 में पुलिस ने महदी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसे जल्द ही रिहा कर दिया गया।
इसके बाद महदी ने निमिषा को धमकाना शुरू कर दिया और उसका जब्त किया गया पासपोर्ट भी देने से इनकार कर दिया। इससे निमिषा परेशान हो गई।
धोखा
महदी ने हड़पा क्लिनिक का पूरा पैसा
निमिषा की मां प्रेमा कुमारी द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया कि महदी ने निमिषा को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और क्लिनिक का पैसा हड़प लिया। वह पासपोर्ट जब्त होने से यमन भी नहीं छोड़ पा रही थी।
आरोप है कि जब निमिषा ने शिकायत दर्ज कराई तो सना पुलिस ने महदी के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह उसे ही 6 दिन तक हवालात में बंद कर दिया। इससे वह पूरी तरह से घबरा गई।
अपराध
निमिषा से क्या हुआ अपराध?
NDTV के अनुसार, जुलाई 2017 में निमिषा ने एक जेल के वार्डन से संपर्क किया, जिसने उसे महदी को बेहोश कर पासपोर्ट हासिल करने का सुझाव दिया।
इसके बाद निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए धोखे से दो खुराक दे दी और अपना पासपोर्ट हासिल कर लिया।
हालांकि, खुराक अधिक होने से महदी की मौत हो गई। इस पर निमिषा और वार्डन ने महदी के शव को कई टुकड़े कर उसे पानी की टंकी में फेंक दिया।
गिरफ्तारी
यमन छोड़ते समय हुई निमिषा की गिरफ्तारी?
रिपोर्ट के अनुसार, निमिषा पासपोर्ट लेकर हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गई थी, लेकिन पुलिस ने उसे महदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
2018 में निमिषा को हत्या का दोषी ठहराया गया और 2020 में ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुना दी।
निमिषा ने सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल में अपील भी की, लेकिन नवंबर 2023 में उसे खारिज कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने निमिषा को 'ब्लड मनी' का भी विकल्प दिया है।
सवाल
यमन में क्या है 'ब्लड मनी'?
इस्लामी कानून अपराध के पीड़ितों या उनके परिवारों (हत्या के मामले में) को अपराधियों की सजा में अपनी बात कहने का अधिकार देता है।
हत्या के शिकार व्यक्ति का परिवार आर्थिक मुआवजे के बदले आरोपी को माफ कर सकता है। इसे दीया या 'ब्लड मनी' के नाम से जाना जाता है।
आमतौर पर यह राशि हत्यारे और पीड़ित के परिवार के बीच तय होती है। निमिषा की इसके लिए इस साल की शुरुआत से यमन में है।
निराशा
'ब्लड मनी' पर नहीं बन पाई है सहमति
निमिषा की मां यमन में NRI सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठन सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल द्वारा सहायता ले रही है, लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली।
सितंबर में भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त वकील अब्दुल्ला अमीर ने 'ब्लड मनी' पर बात करने के लिए 20,000 डॉलर (लगभग 16.6 लाख रुपये) की फीस मांगी थी, लेकिन निमिषा की मां के पास इतनी राशि न होने से बात आगे नहीं बढ़ पाई है।
अब बचाव के लिए समय बहुत कम है।
रुख
निमिषा के मामले में क्या है भारत सरकार का रुख?
यह पूरा मामला भारत सरकार की नजर में है और यमन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी इसमें हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि निमिषा का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है।"