टेस्ला को 2-3 साल के लिए मिल सकती है आयात कर में छूट, बन रही नीति
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश करने की तैयारी में है क्योंकि भारत सरकार इलेक्ट्रिक कारों पर रियायती आयात शुल्क देने पर विचार कर रही है। ET की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार एक नीति को अंतिम रूप दे रही है, जिसमें बैंक गारंटी और टेस्ला द्वारा भविष्य में यहां प्लांट लगाने की प्रतिबद्धता के बदले 2-3 सालों के लिए कम आयात करों की पेशकश होगी। भारत में लक्जरी कारों पर 60-100 प्रतिशत तक आयात कर लगाता है।
अधिक आयात कर से प्लांट लगाने को मिलेगा प्रोत्साहन
वर्तमान में भारत लागत, बीमा और माल ढुलाई सहित 40,000 डॉलर (लगभग 33 लाख रुपये) से अधिक कीमत की कारों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लेता है। इस राशि से कम कीमत वाली कारों के लिए आयात शुल्क 60 प्रतिशत निर्धारित है। यह उच्च आयात शुल्क स्थानीय स्तर पर कारखाना लगाने को बढ़ावा देने, घरेलू उद्योगों का बचाव करने और राजस्व अर्जित करने के लिए लगाया जाता है। स्थानीय स्तर पर प्लांट लगने से रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।
स्थानीय कार निर्माता नहीं होंगे प्रभावित
सरकार इस नई नीति को लागू करती है, तो यह सीधे तौर पर भारतीय EV कार निर्माताओं को प्रभावित नहीं करेगी। क्योंकि, भारतीय कंपनियां एंट्री-लेवल सेगमेंट में इलेक्ट्रिक कार उतारती है, जबकि एलन मस्क की कंपनी हाई-एंड मॉडल हैं। इसकी बाजार में हिस्सेदारी ज्यादा नहीं है। इसलिए स्थानीय कार निर्माताओं पर इस नीति का प्रभाव सीमित होगा। बता दें, टेस्ला को आयात कर में छूट देने के विचार पर पिछले दिनों टाटा मोटर्स ने आपत्ति जताई थी।