रूसी सेना में आकर्षक वेतन देखकर शामिल हुए भारतीयों ने त्यागा पासपोर्ट, अब लौटने की कोशिश
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना में शामिल होने के लिए केरल के कई लोग वहां के स्थायी निवासी बन गए और अपना पासपोर्ट त्याग दिया, लेकिन अब ये लोग फिर से केरल लौटने की कोशिश में जुटे हैं। राज्य सरकार के गैर-निवासी केरलवासी मामले (NORKA) विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कोलास्सेरी ने बताया कि अगस्त में हुए ड्रोन हमले में त्रिशूर निवासी संदीप (36) की मौत के बाद लोग काफी डर गए और वापस लौटना चाहते हैं।
आकर्षक वेतन देखकर रूसी सेना में हुए थे शामिल
कोलास्सेरी ने बताया कि ये लोगों अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करने के बाद रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में भर्ती हुए थे क्योंकि उन्हें अपने देश की तुलना में काफी अधिक वेतन लगभग 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह की पेशकश की गई थी। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास से पता चला है कि केरल के लोगों ने स्थायी निवास लेने के बाद रूसी सेना में शामिल होने की लिखित इच्छा जताई थी। अब सभी लोग वापस केरल आना चाहते हैं।
कई के परिवारों ने राज्य सरकार से संपर्क किया
कोलास्सेरी ने बताया कि कुछ लोगों के परिवारों ने राज्य सरकार से संपर्क किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को रूसी सेना शिविरों से उन्हें वापस लाने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि अभी रूसी सेना में भर्ती केरलवासियों की कुल संख्या नहीं पता चली है, लेकिन अभी 4 लोगों ने वापस आने की इच्छा जताई है। हालांकि, कुछ लोग अब भी केरल लौटने के लिए अनिच्छुक हैं।