कौन है IAS पूजा खेडकर? पहले VIP डिमांड की, अब विवादों में OBC श्रेणी और दिव्यांगता
महाराष्ट्र की ट्रेनी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पूजा ने ट्रेनिंग के दौरान ही ऐसी सुविधाओं की मांग की, जो ट्रेनी अधिकारियों को नहीं दी जाती है। उन्होंने अलग केबिन, वाहन और चपरासी की मांग की थी। पूजा की लाल-नीली बत्ती लगी निजी ऑडी कार की तस्वीरें भी खूब वायरल हो रही हैं। आइए जानते हैं पूजा खेडकर कौन हैं।
कौन है पूजा खेडकर?
पूजा महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की IAS अधिकारी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की है। पूजा के पिता दिलीप राव खेडकर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) में आयुक्त रह चुके हैं। दिलीप खेडकर ने वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। पूजा के नाना जगन्नाथराव बुधवंत भी IAS अधिकारी रह चुके हैं।
ट्रेनिंग के दौरान मांगी कार और चपरासी
पूजा को पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिली थी। हालांकि, इस दौरान वे खास मांगों को लेकर विवादों में घिर गईं। पुणे कलेक्टर सुहास दीवसे की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 जून को ड्यूटी पर आने से पहले पूजा ने बार-बार मांग की थी कि उन्हें एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी प्रदान किया जाए, जबकि ट्रेनिंग में ये सुविधाएं नहीं मिलती है।
पूजा पर वरिष्ठ अधिकारी की नेमप्लेट हटाने का आरोप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा ने कलेक्टर कार्यालय में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अजय मोरे के द्वारा इस्तेमाल किए गए कक्ष पर भी उनकी जानकारी के बिना कब्जा कर लिया था। पूजा ने मोरे की नेमप्लेट भी हटा दी थी। नियमों के अनुसार, ट्रेनिंग पर अधिकारी को उपरोक्त सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं। इन सुविधाओं को पाने के लिए पहले गैजेटेड अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना जरूरी होता है।
लग्जरी ऑडी कार में लगवाई लाल-नीली बत्ती
पूजा पर आरोप हैं कि वे लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करती थीं। पूजा ने इस निजी कार पर 'महाराष्ट्र शासन' भी लिखवा रखा था। पूजा की मांग के बाद कलेक्टर ने उनका तबादला वाशिम कर दिया। नए आदेश में कहा गया है कि पूजा खेडकर अब अपने प्रोबेशन के बचे हुए समय में वाशिम जिले में अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में तैनात रहेंगी।
पूजा के OBC वर्ग को लेकर भी विवाद
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, पूजा ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा किया था और वे इसी श्रेणी से अधिकारी बनी हैं। हालांकि, उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई है। पिता की संपत्ति को देखते हुए अब पूजा की OBC नॉन क्रीमी लेयर श्रेणी के लिए पात्रता सवालों के घेरे में है।
पूजा ने खुद को बताया दिव्यांग, लेकिन मेडिकल जांच नहीं करवाई
पूजा ने हलफनामा दायर कर दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें आंखों की भी परेशानी है। इस वजह से चयन में पूजा को रियायत दी गई। हालांकि, इसके बाद वे 6 बार मेडिकल जांच में शामिल नहीं हुई। अप्रैल, 2022 में वे कोरोना से संक्रमित होने का कहकर जांच में शामिल नहीं हुई। इसके बाद वे 5 बार अलग-अलग कारणों से जांच करवाने नहीं आई।