राजस्थान: लघिमा पहले ही प्रयास में बन गईं IAS, जानिए उन्होंने कैसे हासिल की सफलता
कभी यूट्यूब पर टॉपर्स के इंटरव्यू देखकर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाली लघिमा तिवारी आज खुद IAS अधिकारी बनकर काम कर रही हैं। लघिमा ने साल 2022 में न केवल UPSC परीक्षा पास की, बल्कि देशभर में 19वीं रैंक हासिल करते हुए अपनी मेहनत का परिचय दिया था। आज उनकी सफलता की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करती है। आइए लघिमा तिवारी की छात्र से अफसर बनने की प्रेरणादायक कहानी जानते हैं।
पहले प्रयास में पाई थी सफलता
लघिमा राजस्थान के अलवर की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की है। साल 2021 में उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वो UPSC परीक्षा की तैयारी में जुट गई थी और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में सफलता हासिल की थी। लघिमा ने बायोलॉजी की पढ़ाई की थी और यही कारण रहा कि उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी वैकल्पिक विषय चुना था।
कोचिंग के बिना की थी तैयारी
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि UPSC पास करने के लिए कोचिंग करना जरूरी है, लेकिन लघिमा ने इस भ्रम को तोड़ने का काम किया। उन्होंने UPSC की तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा न लेकर केवल स्वाध्याय (सेल्फ स्टडी) पर ध्यान दिया था। मुख्य परीक्षा के लिए उन्होंने टेस्ट सीरीज में नामांकन करवाया था। ये उनकी मेहनत का ही परिणाम था कि उन्हें पहले ही प्रयास में देशभर में 19वीं रैंक मिली।
यूट्यूब पर देखा करती थीं टॉपर्स के इंटरव्यू
लघिमा ने स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद UPSC की तैयारी शुरू की थी। उन्होंने शुरुआत में यूट्यूब की काफी मदद ली। लघिमा के मुताबिक, वे यूट्यूब पर टॉपर्स के इंटरव्यू देखकर उनके तैयारी के पैटर्न को समझती थीं और उनके द्वारा बताए गए टिप्स को अपनाती थीं। इससे उनको काफी मदद मिली और वे 1 साल में ही परीक्षा पास कर पाईं। अब वे अपने परिवार से पहली महिला सिविल सेवक बन चुकी हैं।
ऐसे करती थीं पढ़ाई
UPSC की तैयारी के दौरान लघिमा ने पाठ्यक्रम में दिए गए सभी टॉपिकों को कवर किया था। इसी तरह सामान्य अध्ययन की बुनियादी बातें और करेंट अफेयर्स को गहराई से कवर किया। लघिमा ने ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट हल करने पर जोर दिया, जिससे उन्हें उत्तर लेखन की गलतियों में सुधार करने का मौका मिला। उन्होंने उम्मीदवारों को पहले से रणनीति बनाने और समय के साथ इसमें बदलाव करने की सलाह दी है।
निरंतरता से मिलेगी सफलता
लघिमा का कहना है कि उम्मीदवारों को हर दिन पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए। निरंतरता ही सफलता की कुंजी है।भले ही कम घंटों की पढ़ाई करें, लेकिन प्रतिदिन कुछ टॉपिक्स जरूर कवर करें। किसी दिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करके अगले दिन कुछ न पढ़ना बेहद गलत है। उन्होंने कहा उम्मीदवार अपनी गलतियों को सुधारने पर विशेष ध्यान दें। प्रारंभिक परीक्षा देने के तुरंत बाद ही मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें, जिससे समय बर्बाद नहीं होगा।