UN में पाकिस्तान को जवाब देने वाली भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन कौन हैं?
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में कश्मीर पर दिए गए बयान को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कड़ी आलोचना की है। प्रधानमंत्री शहबाज ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वापस लेने और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करने की बात कही थी। इस पर भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री बताया। आइए जानते हैं भाविका कौन हैं।
कौन हैं भाविका मंगलनंदन?
भाविका एक भारतीय राजनयिक हैं, जो संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि हैं। वे 2015 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं। वे विदेश मंत्रालय में अवर सचिव के रूप में भी काम कर चुकी हैं। फिलहाल वे संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में आतंकवाद-रोधी और साइबर सुरक्षा, प्रथम समिति (निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा) में भारत की प्रथम सचिव के रूप में काम करती हैं।
TCS में काम कर चुकी हैं भाविका
भाविका की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने साल 2011 में IIT दिल्ली से ऊर्जा अध्ययन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इससे पहले वे नवंबर, 2007 से जून, 2009 तक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में सहायक सिस्टम इंजीनियर के रूप में भी काम कर चुकी हैं। IIT से पढ़ाई के बाद वे जून, 2011 से अक्टूबर, 2012 तक श्नाइडर इलेक्ट्रिक में वरिष्ठ मार्केटिंग इंजीनियर के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
इसी साल बनाई गई UN में स्थायी प्रतिनिधि
भाविका को इसी साल UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया है। UN में भारत का स्थायी प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन का नेता होता है। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का प्रतिनिधित्व भी करता है। भाविका से पहले रुचिरा कंबोज UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा थीं। उन्होंने 2 अगस्त, 2022 को औपचारिक रूप से न्यूयॉर्क में भारत की स्थायी प्रतिनिधि का पदभार संभाला था।
UN में क्या बोला था पाकिस्तान?
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था, "शांति की दिशा में आगे बढ़ने के बजाय भारत ने जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने के अपने वादों से मुंह मोड़ लिया है। ये प्रस्ताव कश्मीर के लोगों के लिए जनमत संग्रह का आदेश देते हैं ताकि वे आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग कर सकें।" उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला वापस लेने की भी मांग की थी और कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की थी।
भाविका ने पाकिस्तान को क्या जवाब दिया था?
भाविका ने कहा था, "आज यह महासभा एक मजाक का गवाह बनी है। सेना द्वारा चलाया जाने वाला एक देश जिसकी प्रतिष्ठा आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए है, उसके पास दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमले का दुस्साहस है। पाकिस्तान ने आतंकवाद का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों के खिलाफ किया है। उसने हमारी संसद, मुंबई और तीर्थयात्रा के रास्तों पर हमले किए हैं। ऐसे में पाकिस्तान का हिंसा के खिलाफ बोलना सबसे घटिया पाखंड है।"