भारत के साथ स्थायी शांति चाहता है पाकिस्तान, युद्ध विकल्प नहीं- पाकिस्तानी प्रधानमंत्री
क्या है खबर?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनका देश बातचीत के जरिये भारत के साथ 'स्थायी शांति' चाहता है और कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है।
शनिवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात करते हुए शरीफ ने कहा कि इलाके में स्थायी शांति कश्मीर मुद्दे के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत समाधान से जुड़ी हुई है।
बयान
दोनों देश के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं- शरीफ
द न्यूज इंटरनेशनल समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान इलाके में स्थायी शांति बनाए रखने को प्रतिबद्ध है और यह शांति कश्मीर मुद्दे के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत होने वाले समाधान से जुड़ी है।
उन्होंने आगे कहा, "हम बातचीत के जरिये भारत के साथ स्थायी शांति चाहते हैं क्योंकि युद्ध दोनों ही देशों के लिए विकल्प नहीं है।"
बता दें, भारत भी पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की वकालत करता आया है।
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शरीफ बोले- भारत और पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था और व्यापार में करना चाहिए मुकाबला
प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को व्यापार, अर्थव्यवस्था और अपने लोगों की हालत बेहतर करने में मुकाबला करना चाहिए।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की परमाणु संपत्ति और सेना प्रतिरोध के लिए है। पाकिस्तान अपनी अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सेना पर खर्च करता है न कि आक्रमण करने के लिए।
इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी बात की।
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राजनीतिक अस्थिरता से जुड़ी हैं आर्थिक परेशानियां- शरीफ
अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक परेशानियों की जड़ें हालिया दशकों में रही राजनीतिक अस्थिरता से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि देश बनने के शुरुआती कुछ दशकों में पाकिस्तान ने सभी क्षेत्रों में सराहनीय वृद्धि देखी थी, लेकिन धीरे-धीरे पिछड़ गया। नीतियों और ऊर्जा की कमी और देश पर ध्यान न देने के कारण देश की उत्पादकता में कमी आई है।
अर्थव्यवस्था की हालत
आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान
नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान मे इन दिनों महंगाई आसमान छू रही है और कम होता विदेशी मुद्रा भंडार सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहा है।
पाकिस्तान को अपनी हालत सुधारने के लिए बड़े पैकेज के जरूरत है।
इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 29 अगस्त को एक अहम बैठक करेगा। माना जा रहा है कि इसमें 1.18 बिलियन डॉलर की लंबित किश्त के साथ पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज का ऐलान हो सकता है।
भारत-पाकिस्तान रिश्ते
भारत के साथ तनावपूर्ण बने हुए हैं संबंध
भारत की आजादी को 75 साल पूरे हो चुके हैं इस दौरान पाकिस्तान के साथ संबंध अधिकतर समय तनावपूर्ण ही रहे हैं। दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है।
2019 पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के संबंधों में आया तनाव अभी भी बरकरार है और बातचीत बंद है। भारत का हमेशा से कहना रहा है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद फैलाता है।