कोरोना वायरस: WHO ने की रेमडेसिवीर का उपयोग न करने की सिफारिश, गिलियाड ने बताया निराशाजनक
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज में गिलियाड साइंसेज की रेमडेसिवीर दवा के उपयोग के खिलाफ सिफारिश जारी की है। WHO की एक विशेषज्ञ समिति ने कहा कि अभी ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित होता हो कि ये दवा मरीजों के जिंदा रहने की संभावना को बढ़ाती हो।
गिलियाड ने WHO की इस सिफारिश को निराशाजनक बताया है और कहा है कि WHO ने दवा के फायदों के सबूतों को नहीं देखा।
सिफारिश
WHO के ट्रायल के बाद विशेषज्ञ समिति ने जारी की हैं सिफारिशें
कोविड-19 के इलाज की गाइडलाइंस तैयार के लिए बनाई गई WHO की विशेषज्ञ समिति ने BMJ मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अपनी सिफारिशों में कहा है, "अभी ऐसा कोई सबूत नहीं है कि जो साबित करता हो कि यह (रेमडेसिवीर) जिंदा रहने या वेंटीलेटर की जरूरत में सुधारा लाती हो।"
समिति ने ये सिफारिश WHO के ट्रायल के आधार पर दी है जिसमें रेमडेसिवीर को कोरोना वायरस मरीजों के इलाज में प्रभावी नहीं पाया गया था।
नतीजे
क्या रहे थे WHO के ट्रायल के नतीजे?
पिछले महीने आए WHO के इस ट्रायल के नतीजों में कहा गया था कि रेमडेसिवीर का कोरोना वायरस मरीजों की मृत्यु दर और अस्पताल में रहने के समय पर बेहद कम या कोई प्रभाव नहीं देखने को मिला।
विशेषज्ञ समिति ने इसके अलावा तीन अन्य ट्रायल्स के नतीजे भी देखे और कहा कि मरीजों को ठीक होने में कितना समय लगता है, उस पर इस दवा का कोई सार्थक प्रभाव नहीं पड़ता है।
प्रतिक्रिया
गिलियाड ने कहा- WHO की गाइडलाइंस में नजरअंदाज किए गए सबूत
WHO विशेषज्ञों की इस सिफारिश पर प्रतिक्रिया देते हुए गिलियाड ने कहा है कि पीयर-रिव्यूड जर्नल्स में प्रकाशित कई स्टडीज में रेमडेसिवीर को मरीजों के ठीक होने के समय को कम करने में सहायक पाया गया है, जिससे अस्पतालों पर कम दबाव पड़ता है।
अपने बयान में गिलियाड ने कहा है, "हम निराश है कि WHO गाइडलाइंस में इन सबूतों को ऐसे समय पर नजरअंदाज किया गया है जब वैश्विक स्तर पर मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।"
विपरीत नतीजे
अमेरिका में हुए ट्रायल में प्रभावी पाई गई थी रेमडेसिवीर
बता दें कि WHO के ट्रायल के विपरीत अमेरिका में गिलियाड द्वारा किए गए एक ट्रायल में रेमडेसिवीर को कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार में प्रभावी पाया गया था।
1,062 मरीजों पर हुए इस ट्रायल में पाया गया था कि रेमडेसिवीर दिए जाने पर मरीजों के अस्पताल में रहने के समय में पांच दिन की कमी आई।
अमेरिका का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने पिछले महीने ही इसके प्रयोग को आधिकारिक मंजूरी दी थी।
उपयोग
कई देशों में हो रहा है रेमडेसिवीर का प्रयोग
अभी अमेरिका, यूरोप, जापान और भारत समेत कई देशों में कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिवीर का प्रयोग किया जा रहा है और WHO की सिफारिशों के बावजूद इन देशों ने इनका प्रयोग जारी रखा हुआ है।
अमेरिकी FDA ने भी दवा के प्रयोग की मंजूरी पर दोबारा विचार करने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि रेमडेसिवीर की समीक्षा में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है कि बाहरी विशेषज्ञों से सलाह की जरूरतपड़े।
जानकारी
अभी तक नहीं मिला है कोरोना वायरस का कोई इलाज
बता दें कि जहां पूरी दुनिया का ध्यान कोरोना वायरस की वैक्सीन पर है, वहीं इसके उपचार की खोज को भी इतना ही महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। अभी तक इसका कोई ठोस इलाज नहीं मिला है और नई दवाइयों के ट्रायल चल रहे हैं।