कोरोना वायरस: रेमडेसिवीर ने दिखाई उम्मीद की किरण, ट्रायल में मिले उत्साहवर्धक नतीजे
दुनियाभर में 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस (COVID-19) का इलाज ढूंढने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास जारी है। अमेरिका में हो रहे ऐसे ही एक प्रयास में सामने आया है कि एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर मरीजों को जल्द ठीक होने में मदद करती है। रेमडेसिवीर एक न्यूक्लियोसाइड राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) पोलीमरेज इनहिबिटर इंजेक्शन है। इसे सबसे पहले इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था।
दवा के सेवन से जल्दी ठीक हुए मरीज
फरवरी में अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीज (NIAID) ने कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के खिलाफ जांच के लिए रेमडेसिवीर का ट्रायल करने की घोषणा की थी। यह ट्रायल अभी जारी है, लेकिन इसमें मिले शुरुआती नतीजे इतने उत्साहवर्धक रहे हैं कि इन्हें सार्वजनिक करने का फैसला किया गया है। ट्रायल में सामने आया है कि ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत वाले कोरोना मरीजों को यह दवा दिए जाने के बाद उनकी सेहत में तेजी से सुधार हुआ है।
मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है ट्रायल के नतीजे- रिपोर्ट
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 'ट्रायल के शुरुआती नतीजे दर्शाते हैं कि रेमडेसिवीर का 10 दिन का कोर्स अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए अन्य दवाओं से बेहतर है। यह फायदा उनकी सेहत में सुधार होने के दिनों में देखा गया है। रेमडेसिवीर के फायदों की ताकत देखते हुए ये नतीजे ट्रायल में शामिल मरीजों और अन्य मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है। उन लोगों के इलाज में यह दवा मदद कर सकती है।'
दवा के ट्रायल सफल होने की उम्मीद में दुनिया
गिलियाड साइंसेस द्वारा बनाई गई रेमडेसिवीर का इबोला वायरस के दौरान इंसानों पर ट्रायल किया गया था। इसके अलावा इसने कोरोना वायरस से ही होने वाली मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सीवेर एक्युट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) जैसी खतरनाक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में शानदार नतीजे दिखाए थे। इस दवा पर दुनियाभर में छह अलग-अलग ट्रायल और स्टडी चल रही हैं और जानकार कोरोना के खिलाफ इलाज में भी इसके कामयाब होने की उम्मीद कर रहे हैं।
गंभीर मरीजों पर इस्तेमाल करने की मिली मंजूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इस दवा पर एक सोलिडेरिटी ट्रायल कर रहा है। भारत भी इस ट्रायल का हिस्सा है। यानी यहां भी ट्रायल के तौर पर कुछ मरीजों पर इस दवा के असर को देखा जाएगा। इसके अलावा इसी महीने की शुुरुआत में अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।
ऐसे काम करती है रेमडेसिवीर
रेमडेसिवीर दवा सीधे वायरस पर हमला करती है। इसे 'न्यूक्लियोटाइड एनालॉग' कहा जाता है, जो RNA और DNA के चार बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक एडेनोसिन की नकल करता है। टेक्सस एएंडएम यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट बेंजामिन नेउमन ने बताया कि वायरस आमतौर पर तेजी से हमला करने की कोशिश करते हैं। रेमडेसिवीर चुपके से एडेनोसिन के बजाय वायरस के जीनोम में खुद को शामिल कर लेती है, जो रेप्लिकेशन प्रोसेस में शॉर्ट सर्किट की तरह काम करता है।
दुनियाभर में कितने लोग संक्रमित
रविवार सुबह तक दुनियाभर में 53 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 3.42 लाख लोगों की मौत हुई है, जबकि 21.12 लाख लोग महामारी को हराकर ठीक हो चुके हैं।