कोरोना वायरस: ब्राजील में रोका गया चीनी कंपनी की वैक्सीन का इंसानी ट्रायल
ब्राजील में चल रहे चीनी कंपनी सिनोवैक की संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल को रोक दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि किसी गंभीर प्रतिकूल घटना के चलते ट्रायल रोके गए हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना 28 अक्टूबर को हुई। घटना के बारे में कोई और जानकारी सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि सिनोवैक उन कंपनियों में शामिल हैं, जिनकी संभावित वैक्सीन्स ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच गई हैं।
सिनोवैक की तरफ से अभी तक टिप्पणी नहीं
ट्रायल रोके जाने पर सिनोवैक की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भले ही चीन की किसी वैक्सीन ने ट्रायल की तय प्रक्रिया पूरी नहीं की है, लेकिन यहां की सरकार लाखों नागरिकों को इनकी खुराक दे चुकी है।
ट्रायल क्यों रोका गया?
सोमवार को ब्राजील के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गंभीर प्रतिकूल घटना के चलते कोरोनावैक वैक्सीन के इंसानी ट्रायल रोक दिए गए हैं। हालांकि, यह जानकारी नहीं मिली है कि वह घटना क्या थी और कहां हुई? सिनोवैक ब्राजील के साथ-साथ इंडोनेशिया और तुर्की में भी कोरोनावैक के इंसानी ट्रायल कर रही हैं, लेकिन यहां से इन्हें रोकने की कोई जानकारी अब तक नहीं मिली है। बता दें कि ट्रायल रोकने की घटना असामान्य नहीं है।
"मौत से संबंधित है ट्रायल रोके जाने का फैसला"
ब्राजील में इस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल संचालित करने वाले मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख डिमास कोवास ने बताया कि ट्रायल को रोके जाने का फैसला एक मौत से संबंधित है। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह मौत वैक्सीन से संबंधित नहीं है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी रोका था ट्रायल
कोरोनावैक की तरह सितंबर में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की जा रही संभावित वैक्सीन के इंसानी ट्रायल को रोका गया था। इंग्लैंड में एक वॉलेंटियर के बीमार पड़ जाने के कारण यह कदम उठाया गया था। इसके बाद भारत समेत सभी जगहों पर ट्रायल को रोक दिया गया था। नियमों के तहत स्वतंत्र जांचकर्ताओं ने इसकी समीक्षा फिर से ट्रायल शुरू करने की हरी झंडी दे दी थी।
कहां तक पहुंची वैक्सीन की खोज?
सिनोवैक की कोरोनावैक समेत अलग-अलग कंपनियों की लगभग एक दर्जन संभावित वैक्सीन्स इंसानी ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। इसे तीसरे चरण का ट्रायल भी कहा जाता है और यह वैक्सीन के विकास के लिए सबसे अहम माना जाता है। इस चरण में पहुंचने वाली वैक्सीन्स में कुछ को ही इस्तेमाल के लिए हरी झंडी मिल पाती हैं। फाइजर और बायोनटेक की संभावित वैक्सीन भी इसी चरण में है, जिसने संक्रमण के खिलाफ शानदार सुरक्षा दी है।
90 प्रतिशत संक्रमण को रोक सकती है वैक्सीन- फाइजर
फाइजर और बायोनटेक ने सोमवार को दावा किया कि वो उनके द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को रोक सकती है। इस वैक्सीन को अभी तक छह अलग-अलग देशों में 43,500 लोगों पर टेस्ट किया जा चुका है। इनमें सुरक्षा से संबंधित कोई चिंता नहीं देखी गई है। शुरुआती विश्लेषण से उत्साहित दोनों कंपनियां इस महीने के अंत तक इसके इस्तेमाल की अनुमति पाने के लिए आवेदन करेंगी।
दुनिया में महामारी की क्या स्थिति?
वैक्सीन के बढ़ते इंतजार के बीच दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या पांच करोड़ पार हो गई है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 5.09 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, वहीं मरने वालों की संख्या 12.63 लाख हो गई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 1.01 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 2.38 लाख लोगों की मौत हुई है। दूसरे नंबर पर मौजूद भारत में 85.91 लाख संक्रमितों में से 1.27 लाख की मौत हुई है।