कोरोना वायरस: महाराष्ट्र और दिल्ली समेत पांच राज्यों को भेजी गई रेमडेसिवीर दवा की पहली खेप
शुरूआती ट्रायल में कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हुए रेमडेसिवीर दवा की पहली खेप महाराष्ट्र और दिल्ली समेत पांच राज्यों को भेज दी गई है। भारत में रेमडेसिवीर का जेनेरिक वर्जन बनाने और उसे बेचने का लाइसेंस हासिल करने वाली हैदराबाद की कंपनी 'हेटेरो' ने इन राज्यों को 20,000 शीशियां भेज दी हैं। 100 मिलीग्राम की एक शीशी की कीमत 5,400 रुपये है और कंपनी ने अगले तीन-चार हफ्तों में एक लाख शीशी बनाने का लक्ष्य रखा है।
ट्रायल में असरदार साबित हुई थी रेमडेसिवीर
अमेरिकी कंपनी 'गिलियाड' की दवा रेमडेसिवीर को सबसे पहले इबोला के लिए बनाया गया था, लेकिन ये उसके इलाज में प्रभावी साबित नहीं हुई है। अब कोरोना वायरस महामारी शुरू होने पर इसे COVID-19 के इलाज में आजमाया गया और ये असरदार साबित हुई। अमेरिका में हुए एक ट्रायल में रेमडेसिवीर लेने वाले कोरोना के मरीज आम मरीजों की तुलना में 15 की बजाय 11 दिन में ठीक हो गए। ये कोरोना पर असरदार साबित होने वाली पहली दवा थी।
भारत में निर्माण और बिक्री के लिए हेटेरो और सिप्ला ने किया समझौता
ट्रायल के सकारात्मक नतीजों के बाद हेटेरो और सिप्ला ने गिलियाड के साथ रेमडेसिवीर को भारत में बनाने और बेचने का समझौता किया और दोनों कंपनियां इसका जेनेरिक वर्जन बना रही हैं। दोनों दवाओं को आपातकालीन परिस्थितियों में कोरोना वायरस के इलाज में प्रयोग करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की मंजूरी भी मिल चुकी है। हेटेरो ने अपनी दवा का नाम कोविफोर रखा है और इसे हैदराबाद के एक प्लांट में बनाया जा रहा है।
इन राज्यों को भेजी गई पहली खेप, नहीं होगी फुटकर बिक्री
अब हेटेरो ने अपनी दवा कोविफोर की 20,000 शीशियां पांच राज्यों को भेज दी हैं। इनमें सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र और दिल्ली के अलावा तमिलनाडु और गुजरात भी शामिल हैं। हैदराबाद को भी पहली खेप से कुछ हिस्सा मिलेगा। कंपनी के अनुसार, दवाई की अगली खेप कोलकाता, इंदौर, भोपाल, लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, रांची, विजयवाडा, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और गोवा को भेजी जाएगी। दवाई केवल अस्पताल और सरकार के जरिए उपलब्ध होगी और इसकी फुटकर बिक्री नहीं होगी।
"देशभर के मरीजों को दवाई उपलब्ध करा सकती है कंपनी"
हेटेरो समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर वमसी कृष्णा बंदी ने समाचार एजेंसी PTI से कहा कि एकीकरण के दम पर कंपनी सुनिश्चित कर सकती है कि दवाई देशभर के मरीजों को तत्काल उपलब्ध कराई जा सके। दवा को इंजेक्शनों के जरिए दिया जाता है।
रेमडेसिवीर के अलावा ये दवा भी कोरोना के इलाज में प्रभावी
बता दें कि रेमडेसिवीर के अलावा गठिया की दवा डेक्सामेथासोन भी कोरोना वायरस के इलाज में प्रभावी साबित हुई है। जहां रेमडेसिवीर मरीज को जल्दी ठीक करने में प्रभावी है, वहीं डेक्सामेथासोन मरीजों की जान बचाने में प्रभावी साबित हुई है। ब्रिटेन में हुए एक ट्रायल में सामने आया कि डेक्सामेथासोन वेंटीलेटर पर जाने वाले मरीजों की मौत का खतरा एक तिहाई कम कर देती है। ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों में भी पांचवे हिस्से के बराबर खतरा कम होता है।