राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार क्या होगा नया और कैसी हैं तैयारियां?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को आयोजित किए जाने वाले 73वें राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह की सभी तैयारियां कर ली गई है। इसके तहत रविवार को फुल ड्रेस रिहर्सल होगा। कोरोना महामारी के कारण पिछली साल की तरह इस बार भी समारोह में कोई भी विदेशी मुख्य अतिथि नहीं होगा। हालांकि, इस बार के समारोह में देश के लोगों को कई नई चीजें देखने को मिलेगी। आइए जानते हैं इस बार राष्ट्रीय समारोह में क्या नया होगा।
देश में अब हर साल 23 जनवरी से शुरू होगा गणतंत्र दिवस समारोह
केंद्र सरकार ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति सम्मान दिखाते हुए उनकी 125वीं जयंती पर उनके जन्म दिवस 23 जनवरी को राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल किया है। ऐसे में अब राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह हर साल 23 जनवरी से शुरू होगा। पूर्व में यह 24 जनवरी से शुरू होता था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।
वितरित किए जाएंगे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 23 जनवरी की शाम को ही एक विशेष कार्यक्रम में 2018 से शुरू किए गए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के तहत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र बेहतरीन काम करने वाले लोगों और संस्थानों को भी सम्मानित करेंगे।
शहीदों के नाम समर्पित होगा इस साल का गणतंत्र दिवस समारोह
सरकार ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह को देश के शहीदों को समर्पित करते हुए उसकी थीम 'शहीदों को शत शत नमन' रखी है। इसके अलावा 5,000 शहीदों को परिजनों को 'शौर्य स्मृति' चिन्ह सौंपने की योजना भी बनाई है। इसकी जिम्मेदारी NCC कैडेट को सौंपी गई है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी जब नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, उसी दौरान NCC कैडेट देश के अलग-अलग हिस्सों में शहीदों के घर 'शौर्य स्मृति चिन्ह' सौंपेंगे।
15 अगस्त तक 26,466 शहीदों के घरों का दौरा करेंगे NCC कैडेट
बता दें कि सरकार ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर उल्लेखित सभी 26,466 शहीदों के परिजनों को 'शौर्य स्मृति' चिन्ह देने की योजना बनाई है। ऐसे में 15 अगस्त तक NCC कैडेट सभी शहीदों के घर पहुंचकर परिजनों को यह चिन्ह सौंपेंगे।
कला कुंभ के तहत दिखाई जाएगी आजादी के गुमनाम नायकों की कहानी
गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार आजादी दिलाने वाले गुमनाम नायकों की कहानियां भी देखने को मिलेगी। बता दें कि नेशनल गैलरी ऑफ मार्डन आर्ट ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए भुवेनश्वर और चंडीगढ़ में कला कुंभ का आयोजन किया गया था। जिनमें 500 से अधिक कलाकारों ने 75 मीटर चौड़ी और 15 फीट ऊंची 10 विशाल पेटिंग्स स्क्रॉल तैयार कर गुमनाम शहीदों की कहानियां दिखाई थीं। अब इन्हें राजपथ पर परेड के दौरान दिखाया जाएगा।
प्रतियोगिता के आधार पर चयनित प्रतियोगी ही देंगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति
राष्ट्रीय समारोह में पहली बार प्रतियोगिता के आधार पर चयनित 480 प्रतियोगी ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगी। इसके लिए रक्षा और संस्कृति मंत्रालयों ने जिला स्तर पर वंदे भारतम प्रतियोगिता आयोजित की थी। जिसमें कुल 3,800 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था। इसी तरह रक्षा मंत्रालय की ओर से शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर पहली बार आयोजित की गई 'वीर गाथा' प्रतियोगिता में चयनित 25 विजेताओं को भी सम्मानित किया जाएगा।
बीटिंग द रिट्रीट में क्या होगा नया?
29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम में भी कई नई चीजें देखने को मिलेगी। इस बार बीटिंग रिट्रीट में पहली बार उत्तर और दक्षिण ब्लॉक की दीवारों पर आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो आयोजित किया जाएगा। इसी तरह IIT दिल्ली द्वारा समर्थित बॉटलैब डायनेमिक्स की ओर से 1,000 के जरिए विशेष शो आयोजित किया जाएगा। चीन, रूस और अमेरिका के बाद ऐसा शो करने वाला भारत चौथा देश होगा।
'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह से हटाई गई गांधीजी की प्रिय धुन
इस बार 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह में 26 धुनें बजाई जाएंगी, लेकिन इनमें से गांधीजी की प्रिय धुन 'अबाइड बाय मी' को हटा दिया है। इससे पहले साल 2020 में भी इसे हटाया गया था। जिस पर विवाद के बाद इसे शामिल किया गया था।
आधा घंटे देरी से शुरू होगा समारोह
इस साल गणतंत्र दिवस समारोह आघा घंटे देर से यानी सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। हर साल यह सुबह 10 बजे शुरू होता था। इसके पीछे कोहरे के चलते कम दृश्यता के पूर्वानुमान को कारण बताया गया है। इसी तरह राजपथ पर दूर बैठे लोगों को समारोह के कार्यक्रमों को सही तरह से दिखाने के लिए दोनों तरफ 10 बड़ी LED स्क्रीन लगाई गई है। ऑटो चालकों, मजदूरों और फ्रंट लाइन वर्करों के लिए भी सीटें आरक्षित रखी गई हैं।
राष्ट्रीय समारोह में शामिल होंगे महज 24,000 लोग
सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को घटाकर 24,000 कर दिया है। पिछले साल यह संख्या 25,000 थी। हालांकि, उससे पहले हर साल 1.25 लाख लोग इसमें शामिल होते थे। समारोह के लिए 5,200 सीटें आम दर्शकों के लिए हैं, जो टिकट खरीद सकते हैं। इसी तरह शेष 19,000 लोगों में मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इसी तरह इस बार किसी भी विदेशी मुख्य अतिथि को नहीं बुलाया गया है।
औषधीय पौधों के बीजों से जड़े हैं निमंत्रण पत्र
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के निमंत्रण पत्र में एलोवेरा, आंवला या अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों के बीजों को रखा गया हैं। समारोह के बाद इन बीजों को बगीचों या गमलों में बोया जा सकता है।
परेड में शामिल होंगी 16 टुकड़ी और 17 सैन्य बैंड
भारतीय सेना के अनुसार, गणतंत्र दिवस परेड में सशस्त्र बलों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की 16 मार्चिंग टुकड़ी और 17 सैन्य बैंड, पाइप और ड्रम बैंड शामिल होंगे। इसी तरह वायुसेना की ओर से एयर शो और थल सेना की ओर से मिसाइल और टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न राज्यों, विभागों और सशस्त्र बलों की 25 झांकियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
बेहद चौकस होगी गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा
गणतंत्र दिवस समारोह से पहले गाजीपुर फूल बाजार में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) मिलने के बाद सेना और दिल्ली पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई है। सुरक्षा के लिए 50,000 जवानों की तैनाती की गई है। इसी तरह पुलिस ने प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने के लिए राजपथ के आस-पास 300 CCTV कैमरे लगाए हैं। समारोह स्थल पर प्रवेश के दौरान चेहरे की पहचान प्रणाली (FRS) का इस्तेमाल किया जाएगा। निगरानी के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।