
कृषि कानूनों पर कृषि मंत्री बोले- हम एक कदम पीछे हटे हैं, फिर आगे बढ़ेंगे
क्या है खबर?
किसानों के एक साल से अधिक समय तक चले आंदोनल के बाद पिछले महीने वापस लिए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार इन कानूनों के मामले में एक कदम पीछे हटी और फिर आगे बढ़ेगी। अब उनके इस बयान के कई कई मायने निकाले जा रहे हैं।
यहां जानते हैं विस्तृत खबर।
बयान
"आजादी के 70 साल बाद कृषि क्षेत्र में हुआ था बड़ा सुधार"
NDTV के अनुसार, महाराष्ट्र के नागपुर शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री तोमर ने कहा, "कुछ लोगों के कारण इन कानूनों को वापस लिया गया है, लेकिन विरोधियों द्वारा काले कानून करार दिए गए से कृषि सुधारों बाद में फिर से सामने आ सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "हम कृषि संशोधन कानून लाए जो आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था, लेकिन कुछ लोगों को ये पसंद नहीं आए।"
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें कृषि मंत्री के बयान का वीडियो
Will farm laws make a come-back??? Union agri minister Narendra Tomar @nstomar drops hint during the inauguration of Agro Vision Expo in Nagpur on Friday. @ndtv pic.twitter.com/HDvateXQ6h
— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) December 25, 2021
स्पष्ट
"हम अभी एक कदम पीछे की ओर गए हैं"
कृषि मंत्री तोमर ने स्पष्ट किया, "कृषि कानूनों की वापसी सरकार निराश नहीं है। हम अभी एक कदम पीछे की ओर गए हैं और हम फिर से आगे बढ़ेंगे। किसान भारत की रीढ है और उसे मजबूत करना ही होगा। किसान मजबूत होगा तो देश भी मजबूत होगा।"
उन्होंने कहा, "कुछ लोगों के कारण किसानों को कृषि सुधार पसंद नहीं आए और उन्होंने इसका विरोध कर दिया, लेकिन भविष्य में उन्हें इन कानूनों का महत्व समय में आ जाएगा। "
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था कानूनों की वापसी का ऐलान
बता दें कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसान एक साल से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
उसके बाद 29 नवंबर को संसद में कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पारित हुआ और 1 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे मंजूरी दे दी।
आश्वासन
सरकार के आश्वासन के बाद किसानों ने खत्म किया आंदोलन
कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान MSP पर कानून, दर्ज मुकदमे वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे। 4 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को वार्ता का न्यौता दिया था।
इसके बाद सरकार ने 9 दिसंबर को किसानों को MSP पर निर्णय के लिए एक समिति बनाने, दर्ज मुकदमें वापस लेने सहित सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। उसके बाद किसानों ने आंदोलन के समापन की घोषणा कर दी।
रवानगी
11 दिसंबर से घर लौटने लगे थे किसान
आंदोलन के समापन का ऐलान होने के बाद किसान 11 दिसंबर से अपने-अपने घर लौटने लग गए थे। किसानों का अंतिम जत्था 15 दिसंबर को रवाना हुआ। इस जत्थे में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल थे।
हालांकि, किसानों का आंदोलन खत्म होने के बाद भी टिकरी और संघु बॉर्डर को ट्रैफिक के लिए नहीं खोला गया था।
पुलिस ने आंदोलन स्थलों से पक्की बेरिकेडिंग को हटा दिया था और अब जल्द ही वहां ट्रैफिक शुरू होगा।