लश्कर से जुड़े मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कराना चाहता था भारत, चीन ने अटकाया रोड़ा
चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में रोड़ा डाल दिया है। दरअसल, अमेरिका और भारत मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन चीन ने इस पर 'तकनीकी विराम' लगा दिया है। चूंकि, चीन को वीटो पावर प्राप्त है, इसलिए यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। इस तरह मक्की फिलहाल वैश्विक आतंकी घोषित होने से बच गया है।
भारत और अमेरिका ने घोषित किया है आतंकी
सूत्रों ने बताया कि अमेरिका और भारत ने संयुक्त रूप से 1 जून को पाकिस्तान में रह रहे अब्दुल रहमान मक्की को UNSC की अलकायदा और इस्लामिक स्टेट प्रतिबंध समिति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। इस समिति को UNSC 1267 समिति के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि अमेरिका और भारत दोनों ही अपने घरेलू कानूनों के तहत मक्की को आतंकी घोषित कर चुके हैं।
चीन ने क्या किया?
भारत और अमेरिका के इस संयुक्त प्रस्ताव को 16 जून तक UNSC 1267 समिति के सदस्यों को वितरित किया गया था। सूत्रों ने बताया कि चीन ने इस प्रस्ताव पर 'तकनीकी विराम' लगा दिया। चीन की यह रोक छह महीने तक लागू रह सकती है। यानी छह महीनों के दौरान चीन यह रोक नहीं हटाता है तो मक्की के खिलाफ ऐसा प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता। सूत्रों ने कहा कि सबूतों के बावजूद चीन का ऐसे रोक लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पहले भी रोड़े अटका चुका है चीन
चीन ने इससे पहले भी आतंकी के खिलाफ कार्रवाई में रोड़े अटकाने का प्रयास किया था। उसने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का भी कई बार विरोध किया था।
अब्दुल रहमान मक्की पर क्या आरोप हैं?
अब्दुल रहमान मक्की संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा का उप प्रमुख और उसके राजनीतिक मामलों का प्रमुख है। वह लश्कर के विदेशी संबंधों का विभाग भी संभाल चुका है। वैश्विक आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद का रिश्तेदार मक्की जमात की शुरा (प्रशासक समिति) समिति और केंद्रीय टीम का सदस्य है। उस पर भारत में हमलों की योजना बनाने और हिंसा के लिए युवाओं की भर्ती करने और आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का आरोप है।
मक्की को पाकिस्तान में मिल चुकी है सजा
मक्की को 15 मई, 2019 को पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था और उसे लाहौर में नजरबंद रखा गया था। 2020 में उसे एक स्थानीय अदालत ने आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
वैश्विक आतंकी करार दिए जाने पर क्या होता है?
किसी व्यक्ति को वैश्वित आतंकी घोषित करते हुए उसकी सारी संपत्तियां संबंधित देशों द्वारा जब्त कर ली जाती है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि उसे कहीं से भी कोई वित्तीय न मिले। वैश्विक आतंकी की यात्रा पर प्रतिबंध लग जाता है और कोई भी देश उसे अपनी सीमा में प्रवेश नहीं देता। सभी देश ऐसे व्यक्ति को हथियार मुहैया कराने पर प्रतिबंध लगा देते हैं। ऐसे व्यक्ति को हथियारों का सामान भी नहीं दिया जाता।