जम्मू-कश्मीर: गुलमर्ग के इन 5 पर्यटन स्थलों पर घूमने की बनाएं योजना, यादगार बन जाएगी यात्रा
क्या है खबर?
वास्तविकता में कल्पना से भी अधिक शानदार जम्मू-कश्मीर का हिल स्टेशन गुलमर्ग बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे घास के मैदान, सदाबहार जंगलों वाली पहाड़ियों और घाटियों से घिरा हुआ है।
यही नहीं, ट्राउट फिशिंग और केबल कारों से लेकर ट्रैकिंग तक के लिए भी आपको किसी विदेशी जगह पर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि इन सबका लुत्फ आप गुलमर्ग में उठा सकते हैं।
आइए आज हम आपको गुलमर्ग के 5 प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं।
#1
अफरवाट पीक
गुलमर्ग के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक अफरवाट पीक 4,390 मीटर की ऊंचाई पर है।
यह पीर पंजाल रेंज की चोटियों में से एक है, जो 2 भारतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
अफरवाट चोटी पूरे साल बर्फ से ढकी रहती है, इसलिए यह दुनिया भर से कई स्कीयर और स्नोबोर्डर्स को आकर्षित करता है।
यह गुलमर्ग में नंगा पर्वत, हरमुख और नून कुन का प्रभावशाली दृश्य देखने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
#2
अल्पाथर झील
अल्पाथर झील हरे-भरे घास के मैदानों से घिरी हुई है और समुद्र तल से 4,390 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
सर्दियों में यह पूरी झील इतनी जम जाती है कि लोग उस पर आसानी से चल सकते हैं। इसलिए इसे स्थानीय तौर पर 'जमी हुई झील' कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त रंग-बिरंगे जंगली फूलों के साथ सुरम्य घास के मैदान और नीले पानी की इस झील के चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ों का इलाका आपको जीवनभर याद रहेगा।
#3
गुलमर्ग वन्यजीव अभयारण्य
गुलमर्ग वन्यजीव अभयारण्य एक संरक्षित जैव रिजर्व है, जो पीर पंजाल रेंज के उत्तरपूर्वी दिशा में 180 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
यह हिमालयी स्नोकॉक, कश्मीर फ्लाईकैचर, कोक्लास तीतर और कई अन्य पक्षियों की लगभग 100 प्रजातियों का घर है।
इस अभयारण्य में हिम तेंदुए, हिमालयी भूरा भालू, कश्मीर ग्रे लंगूर, तेंदुआ बिल्ली, लाल लोमड़ी और कई अन्य जीवों की एक विस्तृत विविधता भी मौजूद है।
#4
महारानी मंदिर
महारानी मंदिर एक लाल छत वाली संरचना है, जो एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है।
इस मंदिर का निर्माण महाराजा हरि सिंह की पत्नी मोहिनी बाई सिसौदिया ने साल 1915 में करवाया था और इसका नाम महारानी के नाम पर रखा गया था।
गुलमर्ग के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक महारानी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह सालभर बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है, खासकर शिवरात्रि के समय।
#5
बाबा रेशी दरगाह
गुलमर्ग के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक बाबा रेशी दरगाह गुलमर्ग में रामबोह गांव के पास 2,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
इसका निर्माण साल 1480 में एक प्रसिद्ध सूफी संत बाबा पायम-उद-दीन रेशी ने करवाया था, जो पहले 15 वीं शताब्दी में कश्मीर राजा जैन-उल-आबिदीन के दरबारी थे।
यह दरगाह विशेष रूप से माता-पिता बनने के लिए आशीर्वाद लेने वाले जोड़ों को आकर्षित करती है।