मणिपुर: सेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेनबम SSP नियुक्त किए गए, म्यांमार सर्जिकल स्ट्राइक का किया था नेतृत्व
मणिपुर में शांति बहाली के प्रयासों के मद्देनजर अब सरकार ने 2 बड़े कदम उठाए हैं। भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेनबम को पुलिस के लड़ाकू विभाग में वरिष्ठ अधीक्षक (SSP) के पद पर नियुक्त किया गया है। वे 2015 में म्यांमार में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा सरकार ने राजधानी इंफाल में आखिरी बचे 10 कुकी परिवारों को कांगपोकपी जिले में शिफ्ट किया गया है।
सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो रहे हैं संजेबनम
मणिपुर सरकार ने 24 अगस्त को संजेनबम को SSP नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल 5 साल का रहेगा। उन्होंने 2015 में म्यांमार सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, तब जवानों ने म्यांमार में घुसकर आतंकियों को मार गिराया था। 28 अगस्त को मणिपुर के संयुक्त सचिव (गृह विभाग) ने एक आदेश जारी कर कहा कि कैबिनेट ने संजेनबम की नियुक्ति का निर्णय 12 जून को ले लिया था। अब संजेनबम पर मणिपुर में शांति लाने की जिम्मेदारी है।
कीर्ति और शौर्य चक्र से सम्मानित हैं संजेबनम
बता दें कि संजेनबम सेना की 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) में काम कर चुके हैं। उन्हें कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो शांतिकाल में दिया जाने वाला वीरता का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। उन्हें इस क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा सम्मान शौर्य चक्र भी मिला है। ये सम्मान उन्हें म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए दिया गया था। तब उन्होंने अपने साथियों के साथ जमीन के बल लेटकर आतंकियों के ठिकाने पर हमला किया था।
इंफाल से 10 परिवारों को निकाला गया
कल रात राजधानी इंफाल से 10 कुकी परिवारों को निकाल कर कांगपोकपी जिले के मोटबुंग में शिफ्ट किया गया है। यहां पर पहले से ही कुकी और दूसरे आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं और असम राइफल्स के शिविर भी हैं। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर कुल 24 लोगों को यहां लाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इंफाल में पहले करीब 300 कुकी परिवार रहा करते थे, लेकिन हिंसा के बाद यहां कुकियों के केवल 5-10 घर ही बचे थे।
5 दिन में 12 लोगों की मौत
मणिपुर से अभी भी चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों में हिंसा की खबरें आ रही हैं। 29 अगस्त को बिष्णुपुर जिले के खोइरेंटक क्षेत्र में गोलीबारी में 30 वर्षीय ग्रामीण की मौत के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है। उसके बाद से 5 दिनों के भीतर 12 लोगों की मौत हो गई है। 31 अगस्त को मणिपुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने संवेदनशील इलाकों में संयुक्त तलाशी अभियान चलाकर हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हो चुके हैं। यहां मैतेई लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है, जिसमें ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, वहीं नागा और कुकी सहित 40 प्रतिशत आदिवासी पहाड़ी जिलों में बसे हैं।