#NewsBytesExplainer: क्या है पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, जिसने ली पुंछ में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी?
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए। हमला गुरुवार को दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब सेना के एक वाहन पर आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी, जिससे वाहन में आग लग गई। हमले में घायल एक जवान का राजौरी के सैनिक अस्पताल में इलाज चल रहा है। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। ऐसे में इस संगठन के बारे में सबकुछ जानते हैं।
2019 में पहली बार सामने आया था PAFF का नाम
2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पहली बार इस संगठन का नाम सामने आया था। यह संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिल मूसा से प्रेरित है। इसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगठन को लश्कर-ए-तैयबा से फंडिंग भी मिलती है। PAFF 2020 के बाद से अब तक करीब 40 छोटी-बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
संगठन ने किन बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है?
पिछले साल राजौरी में सेना के कैंप पर PAFF आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 4 जवान शहीद हुए थे। 14 अक्टूबर, 2021 को तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने हमला कर 9 जवानों को शहीद कर दिया था। इस हमले में भी PAFF का नाम सामने आया था। 3 अक्टूबर, 2022 को जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (जेल) हेमंत लोहिया की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी भी PAFF ने ली थी।
वीडियो जारी कर धमकी देता रहता है PAFF
PAFF ने श्रीनगर में होने वाली G20 बैठक को लेकर भी चेतावनी जारी की थी। इससे पहले संगठन जम्मू-कश्मीर में इजरायल द्वारा कृषि क्षेत्र से संबधित 2 उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने पर भी धमकी दे चुका है। कश्मीर में हिंदुओं की वापसी का विरोध करते हुए संगठन ने धमकी भरा वीडियो जारी किया था। इसमें कहा था कि कश्मीर में इजरायल की तरह सेटलर्स कॉलोनी नहीं बसने देंगे और कश्मीर में बसने वाले लोगों को निशाने पर लिया जाएगा।
संगठन पर गृह मंत्रालय लगा चुका है बैन
जनवरी 2023 में गृह मंत्रालय ने PAFF को आतंकवादी संगठन घोषित कर इस पर बैन लगा दिया था। मंत्रालय की ओर से जारी हुई बैन की अधिसूचना में कहा था, "PAFF जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे अन्य राज्यों के नागरिकों, भारतीय सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं को धमकियां देता रहता है। ये जम्मू-कश्मीर और भारत के दूसरे बड़े शहरों में आतंकी हमलों की साजिश रचने में शामिल रहता है। ये अन्य संगठनों के साथ युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल है।"
IB ने जारी किया था अलर्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले की आशंका जताई थी। आतंकी संगठनों के मूवमेंट को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे। मंत्रालय ने श्रीनगर, पुंछ, राजौरी और दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करने के आदेश दिए थे। G20 समूह की बैठक और ईद को देखते हुए वैसे भी घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
हमले में शहीद हुए हैं 5 जवान
गुरुवार को हुए हमले में सेना के 5 जवान शहीद हुए हैं और एक घायल जवान का इलाज चल रहा है। हमला तब हुआ जब सेना का वाहन पुंछ इलाके से गुजर रहा था। शहीद हुए 5 सैनिकों में से 4 पंजाब और 1 ओडिशा का रहने वाला था। आशंका जताई जा रही है कि इससे वाहन का फ्यूल टैंक फट गया और आग लग गई। हालांकि, भारतीय सेना ने संभावित ग्रेनेड हमले की भी आशंका जताई है।
इलाके में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी
घटना के बाद आतंकवादियों का पता लगाने के लिए शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के बाटा-डोरिया इलाके के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और ड्रोन और स्निफर डॉग का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमले की जांच के लिए एक बम निरोधक दस्ता और आतंकवाद विरोधी एजेंसी की एक टीम भी घटनास्थल पर मौजूद है। घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी।