जम्मू-कश्मीर: टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक दोषी करार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दे दिया है। अब मलिक की सजा पर 25 मई को बहस होगी। बता दें कि यह पहली बार है जब आतंकी गतिविधि से जुड़े किसी मामले में मलिक को दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने मलिक की वित्तीय स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी है। मलिक को अगली सुनवाई में वित्तीय संपत्ति पर एक हलफनामा देना होगा।
मलिक ने 10 मई को कुबूल किया था गुनाह
बता दें कि कश्मीर में अशांति का माहौल बनाने के लिए टेरर फंडिंग करने के आरोपित मलिक ने 10 मई को पटियाला हाउस कोर्ट में अपना गुनाह स्वीकार कर लिया था। मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह खुद पर लगे टेरर फंडिंग, आतंकी समूह का सदस्य होने, साजिश रचने और और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के आरोप से इनकार नहीं करते हैं। बता दें यह मामला 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़ा है।
मलिक के खिलाफ इन धाराओं के तहत लगाए गए हैं आरोप
बता दें कि NIA ने मलिक के खिलाफ UAPA की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), धारा 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), धारा 18 (आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने) और धारा 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) तथा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत चार्जशीट पेश की थी। इस पर मलिक ने कहा था कि वह इन आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता है।
NIA ने मलिक पर लगाया था पाकिस्तानी एजेंसियों की मदद लेने का आरोप
NIA ने अपनी चार्जशीट में मलिक पर पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से फंड हासिल कर घाटी में अशांति फैलाने का आरोप लगाया था। इसके अलावा फंडिंग के लिए पाकिस्तान उच्चायोग से आर्थिक मदद मिलने की भी बात कही गई थी। उस पर पाकिस्तानी एजेंसियों की मदद से अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर घाटी में हिंसक प्रदर्शन, बड़े स्तर पर हड़ताल और बंद की साजिश रचने का भी आरोप है। अब इन आरोपों में उसे दोषी ठहराया गया है।
2017 में कश्मीर घाटी में अशांति का प्रमुख कारण रहा था मलिक
मलिक ने साल 2017 में कश्मीर घाटी का माहौल बिगाड़ने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उस पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप में जाने और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क रखने के भी आरोप लगे हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
1990 के बाद घाटी में आतंकी गतिविधियों और अलगाववाद को बढ़ावा देने में मलिक की अहम भूमिका रही है। उस पर 1990 में वायुसेना के चार जवानों की हत्या का भी आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। मलिक पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप है। वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से भी जुड़ा है। सरकार ने 2019 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है।