
भारत-पाकिस्तान के बीच LoC पर सीजफायर के 2 साल हुए पूरे, जानें क्या हैं हालात
क्या है खबर?
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर (संघर्ष विराम) को 2 साल पूरे हो गए हैं।
बतौर रिपोर्ट्स, भारतीय और पाकिस्तानी पक्षों ने इस दौरान यह सुनिश्चित किया कि संघर्ष विराम को सख्ती से बनाए रखा जाए, जिससे दोनों तरफ के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।
आइए जानते हैं कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर मौजूदा हालात क्या हैं और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले भारतीय नागरिकों का क्या कहना है।
समझौता
क्या है भारत और पाकिस्तान का सीजफायर समझौता?
भारत और पाकिस्तान में 25 फरवरी, 2021 को सीमा पर सीजफायर कायम रखने का समझौता हुआ था। दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (DGMO) के बीच हॉटलाइन पर हुई बातचीत में यह सहमति बनी थी।
इस बातचीत में दोनों पक्ष 2003 के सीजफायर समझौते समेत अन्य समझौतों का कड़ाई से पालन करने पर राजी हुए थे। इसके बाद एक-दो घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो यह सीजफायर कायम रहा है।
स्थिति
सीजफायर के बाद कितना अंतर आया?
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में LoC पर संघर्ष विराम उल्लंघन या सीमा पार से गोलीबारी की करीब 5,000 घटनाएं हुई थीं, जिसके कारण कई लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में घरों को नुकसान पहुंचा।
अधिकारियों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान सेना के बीच 25 फरवरी, 2021 को हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की अब तक सिर्फ 3 छोटी घटनाएं सामने आई हैं।
बयान
अब हमें बंकरों की जरूरत नहीं है- नागरिक
जम्मू-कश्मीर के एक सीमावर्ती गांव के निवासी गुलामुद्दीन ने कहा, "पिछले दो वर्षों में संघर्ष विराम के बाद हमें बंकरों में रहने की जरूरत नहीं पड़ी है। अब हम स्कूल, अस्पताल और क्षेत्र में विकास चाहते हैं। हमें अब बंकरों की कोई जरूरत नहीं है।"
गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में संघर्ष विराम के कारण किसी भी नागरिक की मौत नहीं हुई है। इसके साथ ही भारतीय जवानों ने घुसपैठ रोकने में भी काफी सफलता पाई है।
बयान
अब हम बिना डर के घूम सकते हैं- स्थानीय निवासी
वर्ष 2001 में गोलाबारी में अपना एक पैर खो चुके बशीर अहमद ने NDTV को बताया कि पिछले काफी समय से सीमा पार से कोई गोलाबारी नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा, "यह बहुत अच्छा है क्योंकि अब हम बिना किसी डर के घूम सकते हैं। जब गोलाबारी होती थी तो हम बाहर नहीं आ पाते थे। 2 साल पहले तक स्थिति भयानक थी और हमारे घर सीमा पार से हो रही गोलाबारी की चपेट में आ जाते थे।"
स्थिति
जम्मू में ड्रोन के जरिए घुसपैठ जारी
जहां एक तरफ LoC पर शांति है, वहीं दूसरी तरफ मुख्य रूप से जम्मू सेक्टर के क्षेत्रों में ड्रोन के इस्तेमाल से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी की कोशिश लगातार जारी है।
इनमें से अधिकांश ड्रोन घुसपैठ अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाले कठुआ, सांबा और जम्मू जिले में हुई हैं।
भारतीय सेना ने कहा है कि सीमा पार से बार-बार होने वाली ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन उपकरण तैनात किए गए हैं।