
जम्मू-कश्मीर में अप्रैल या सितंबर-अक्टूबर में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव- रिपोर्ट
क्या है खबर?
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि चुनाव की तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्थानीय नेताओं से सलाह-मशविरा कर रही है।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर जमीनी स्थिति का जायजा लिया था। जानकारी मिल रही है कि इस साल अप्रैल या सितंबर-अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाए जा सकते हैं।
जानकारी
मौसम को देखते हुए लिया जा सकता है फैसला
न्यूज18 के अनुसार, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सितंबर और अक्टूबर के बीच चुनाव हो सकते हैं। इन महीनों में मौसम साफ रहता है और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचने में मुश्किलें नहीं होंगी।
वहीं एक अन्य नेता ने बताया कि जल्दी चुनाव करवाने के लिए अप्रैल महीने पर भी विचार किया जा रहा है।
बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से अभी तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं हुए हैं।
जानकारी
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि गृह मंत्रालय ने जमीनी स्थिति का पता लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों का कहना है कि सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए प्रयासरत है।
चुनौती
सुरक्षा एक बड़ी चुनौती
देश में कहीं भी चुनावों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है और जम्मू-कश्मीर के मामले में यह चुनौती और बढ़ जाती है।
बताया जा रहा है कि सरकार इस साल चुनाव इसलिए भी करवाना चाहती है, क्योंकि इस साल तैनाती के लिए अर्धसैनिक बल उपलब्ध रहेंगे। 2024 में देश में आम चुनाव होने हैं और अगले साल की शुरुआत से ही हर कोई इन चुनावों की तैयारियों में व्यस्त हो जाएगा।
जम्मू-कश्मीर
परिसीमन की प्रक्रिया हो चुकी है पूरी
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पिछले साल अपने जम्मू-कश्मीर के दौरान अमित शाह ने कहा था कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे और चुनावों के बाद के बाद राज्य के दर्जे की बहाली पर विचार किया जाएगा।
परिसीमन आयोग पिछले साल मई में अपनी रिपोर्ट जारी कर चुका है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में चुनावों का रास्ता साफ हो गया था।
जानकारी
परिसीमन आयोग ने क्या रिपोर्ट दी थी?
परिसीन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सीटें 83 से बढ़कर 90 हो गई हैं। सात नई सीटों में से छह जम्मू में और एक कश्मीर में है। इसके साथ ही जम्मू में कुल सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 और कश्मीर में 46 से बढ़कर 47 हो गई है।
यहां लोकसभा सीटों में इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन इनके क्षेत्र में थोड़ा बदलाव कर दिया गया है। लोकसभा सीटें पहले की तरह पांच ही रहेंगी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
2019 में हुआ था जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन
केंद्र सरकार ने अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करते हुए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अलग और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया था।
जम्मू-कश्मीर में जहां विधानसभा का प्रावधान किया गया था, वहीं लद्दाख में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
सरकार ने भविष्य में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की भी बात कही थी।