क्या होते हैं डिटेंशन सेंटर और देश में कहां-कहां बने हैं? जानिये इनसे जुड़ी बड़ी बातें
देशभर में इन दिनों प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) और डिटेंशन सेंटर को लेकर खूब चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश में एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं है। हालांकि, उनकी यह बात पूरी तरह से झूठ थी। मोदी के भाषण के दो दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह ने देशभर में डिटेंशन सेंटर बनने को सतत प्रक्रिया बताया था। आइये, जानते हैं कि डिटेंशन सेंटर क्या होते हैं और ये कहां-कहां बने हैं।
सबसे पहले जानिये, क्या होते हैं डिटेंशन सेंटर
अवैध अप्रवासियों को रखने के लिए बनाए गए डिटेंशन सेंटर में उन लोगों को रखा जाता है जिन्हें अदालतें विदेशी घोषित कर देती हैं। इनके अलावा जिन विदेशियों ने भारत में किसी जुर्म में अपनी सजा पूरी कर ली हो और अपने देश भेजे जाने का इंतजार कर रहे हो, उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। भारत सरकार को अवैध रूप से देश में रहे विदेशियों को वापस उनके देश भेजने का अधिकार है।
देश में कहां-कहां है डिटेंशन सेंटर?
फिलहाल असम में छह अस्थायी डिटेंशस सेंटर चल रहे हैं। ये गोलपाड़ा, तेजपुर, डिब्रूगढ़, जोरहाट, कोकराझार और सिलचर में स्थित हैं। ये सारे सेंटर जेलों के अंदर अस्थायी तौर पर बनाये गए हैं। यहां पहला सेंटर 2005 में कांग्रेस सरकार ने बनाया था। गोलपाड़ा में पहले स्थायी डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है, जो जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। वहीं कर्नाटक में भी एक हॉस्टल को स्थायी डिटेंशन सेंटर में बदला गया है।
सभी राज्यों को डिटेंशन सेंटर खोलने के आदेश
केंद्र सरकार ने चार अलग-अलग मौकों पर सभी केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को अपने यहां डिटेंशन सेंटर खोलने के आदेश दिए थे। इस संबंध में आखिरी बार आदेश 2018 में जारी किया गया था।
जेल से कैसे अलग होते हैं डिटेंशन सेंंटर?
कुछ लोग डिटेंशन सेंटर की तुलना जेल से करते हैं। हालांकि, यह सच नहीं है। दोनों में कुछ बुनियादी अंतर है। जेल में अदालतों द्वारा दोषी साबित होने के बाद सजा पाए लोग बंद रहते हैं, वहीं डिटेंशन सेंटर में वही लोग रहते हैं जो अवैध नागरिक साबित हो चुके हैं। सरकार ने डिटेंशन सेंटरों में स्किल सेंटर, बच्चों के लिए क्रेच, लाइब्रेरी और नियमित मेडिकल कैंप जैसी सुविधाएं देने को कहा था।
NRC से कैसे जुड़े हैं डिटेंशन सेंटर?
असम देश का एकमात्र राज्य है, जहां अभी तक NRC लागू हुई है और यहीं पर सबसे ज्यादा डिटेंशन सेंटर बने हैं। यहां पर जो लोग NRC से बाहर रहेंगे, उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा। NRC की अंतिम सूची से लगभग 19 लाख लोग बाहर रहे थे। अब इनके पास अदालतों में जाने का विकल्प बचा है। अगर ये लोग अदालतों में अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए तो सरकार इन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजेगी।
अब यह चर्चा में क्यों है?
केंद्र सरकार ने कई मौकों पर कहा है कि वह देशभर में NRC लागू करेगी। इसके तहत लोगों से उनकी नागरिकता का प्रमाण मांगा जाएगा। जो लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे, उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजने की बात कही जा रही है। हालांकि, अभी तक देशव्यापी NRC को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार में NRC शब्द पर चर्चा भी नहीं हुई है।