गृह मंत्री अमित शाह का बयान, पूरे देश में लागू किया जाएगा NRC
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
उन्होंने साफ किया कि बिना कानूनी दस्तावेजों के किसी विदेशी नागरिक को भारत में नहीं रहने दिया जाएगा।
इस दौरान वह अनुच्छेद 370 पर भी बोले और कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पूरी दुनिया भारत के साथ है।
बयान
शाह बोले, किसी बाहरी देश में गैरकानूनी तरीके से नहीं रह सकते भारतीय
अमित शाह रांची में 'हिंदुस्तान अखबार' के कार्यक्रम 'पूर्वोदय हिंदुस्तान' में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
कार्यक्रम में NRC के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "हम NRC को पूरे देश में लागू करेंगे। क्या एक भारतीय अमेरिका, ब्रिटेन या रूस में गैरकानूनी तरीके से रह सकता है? नहीं, तो दूसरे देशों के नागरिक बिना कानूनी दस्तावेजों के भारत में कैसे रह सकते हैं? इसलिए मेरा मानना है कि NRC को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।"
असम NRC
असम में NRC प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल
बता दें कि अभी केवल असम में NRC को लागू किया गया है, लेकिन इसकी प्रक्रिया भी विवादों के केंद्र में है।
राज्य की NRC सूची से 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है और उन पर देश से बाहर किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। इनमें दशकों से असम में रह रहे और सेना में शामिल रहे लोग भी शामिल हैं।
खुद राज्य के भाजपा नेताओं ने NRC की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
कानूनी प्रक्रिया
शाह बोले, NRC सूची से बाहर लोगों को दिया जाएगा नागरिकता साबित करने का मौका
NRC सूची से बाहर लोगों के भविष्य पर बोलते हुए शाह ने कहा कि NRC से बाहर सभी लोगों को नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "NRC का फैसला सही है या गलत, इसे ट्रिब्यूनल तय करेगा। जिनको दिक्कत है तो वे ट्रिब्यूनल के पास जाकर अपील कर सकते हैं। जो लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे उन्हें एक कानूनी प्रक्रिया के तहत देश से बाहर किया जाएगा।"
जानकारी
क्या है NRC?
असम में रह रहे घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर भेजने के लिए NRC बनाया गया था।
इसका पहला रजिस्टर 1951 में जारी हुआ था। जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है।
इसके हिसाब से 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है।
अभी असम देश का एकमात्र राज्य है, जहां यह व्यवस्था लागू है।
अनुच्छेद 370
"कश्मीर और विकास के बीच रोड़ा था अनुच्छेद 370"
कार्यक्रम में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 कश्मीर और विकास के बीच में रोड़ा था और ऐसे कम से कम 106 कानून थे जो इसकी वजह से कश्मीर में लागू नहीं हो सकते थे।
शाह ने कहा कि पूरी दुनिया अनुच्छेद 370 पर भारत के साथ है।
फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर उन्होंने कहा कि ये कहना बिल्कुल गलत है कि उन्हें दो साल तक हिरासत में रखा जाएगा।
जानकारी
सरकार का अगले चुनाव तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य
अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा नक्सलवाद पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में नक्सलवादी हमले कम हुए हैं और उनका लक्ष्य अगले चुनाव तक नक्सलवाद को खत्म करना है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद जताई
अमित शाह ने इस दौरान साल के अंत में दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा दिल्ली में सरकार बनाएगी। हमने पहले नगर निगम चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। हम ये चुनाव भी जीतेंगे।"
कांग्रेस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनका विश्वास है कि देश में विपक्ष होना चाहिए, लेकिन विपक्ष बनाना उनका काम नहीं है।