#NewsBytesExplainer: भारत में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 की दस्तक, जानें ये कितना खतरनाक
कोरोना वायरस ने एक बार फिर चिंताएं बढ़ा दी हैं। देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट JN.1 के मामले सामने आए हैं। केरल में इस वेरिएंट के मामले सबसे ज्यादा है और 4 लोगों की मौत भी हो गई है। इसके बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने की सलाह दी है। आइए समझते हैं कि JN.1 वेरिएंट कितना खतरनाक है और इसके क्या लक्षण हैं।
क्या है JN.1 वेरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 सब-वेरिएंट से निकला है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हैं। यह पहले पाए गए XBB.1.5 और HV.1 वेरिएंट से अधिक खतरनाक है। इसका पहला मामला इसी साल 25 अगस्त को यूरोप के लक्जमबर्ग में सामने आया था। इसके बाद यह इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में भी फैल गया। अब भारत में इसके मामले सामने आए हैं।
क्या अधिक संक्रामक है JN.1?
स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन की वजह से JN.1 को संक्रामक माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये या तो अधिक संक्रामक है या हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भेदने में अधिक सक्षम है। सिंगापुर में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे JN.1 वेरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, सिंगापुर में 2 सप्ताह पहले एक दिन में औसतन 1,532 नए मामले सामने आ रहे थे, जो अब बढ़कर 8,006 पर पहुंच गए हैं।
JN.1 कितना खतरनाक है?
WHO के अनुसार, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 दूसरे वेरिएंट की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा जोखिम है। इस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में न तो गंभीर लक्षण देखे गए हैं और न ही मौतों में वृद्धि हुई है। हालांकि, इसकी संक्रामकता ज्यादा है। ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डाटा (GISAID) के मुताबिक, अमेरिका में कुल नए मामलों में JN.1 की हिस्सेदारी 15 से 29 प्रतिशत है।
क्या हैं JN.1 वेरिएंट के लक्षण?
विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 के लक्षण भी पिछले कोरोना वेरिएंट्स जैसे ही हैं। इससे संक्रमित मरीज के श्वसन तंत्र में परेशानियां होने लगती हैं। मरीज को हल्का बुखार, खांसी, नाक बंद होना, गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द और पेट में गड़बड़ी की शिकायत हो सकती है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, मरीजों में सांस लेने में कठिनाई, थकान, शरीर में दर्द और स्वाद या सुगंध महसूस नहीं होने जैसे लक्षण हो सकते हैं।
संक्रमण से बचने के लिए क्या वैक्सीन की और खुराक लेनी चाहिए?
अशोक विश्वविद्यालय के त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज में प्रोफेसर डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "अधिकांश भारतीय कम से कम 2 या 3 बार कोरोना वायरस वेरिएंट के संपर्क में आ चुके हैं और उन्हें वैक्सीन की कम से कम खुराकें भी लग चुकी हैं। गंभीर बीमारी को रोकने के लिए जरूरी प्रतिरक्षा का स्तर भी लोगों में बेहतर है। इस वजह से वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की जरूरत नहीं है।"
भारत में वेरिएंट के मामलों की क्या स्थिति है?
8 दिसंबर को केरल की एक 78 वर्षीय महिला के JN.1 वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। भारत में ये इस वेरिएंट का पहला मामला था। 20 दिसंबर तक भारत में इस वेरिएंट के 21 सक्रिय मरीज थे। हालांकि, वेरिएंट की वजह से मौत के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। कर्नाटक सरकार ने एहतियातन सार्वजनिक स्थानों पर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्र ने राज्यों को क्या निर्देश दिए हैं?
केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि वे सभी जिलों में दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड के टेस्ट सुनिश्चित करें और संदिग्ध मरीजों की RT-PCR और एंटीजन जांच करें। मामलों का जल्द पता लगाने के लिए राज्यों को इंफ्लूएंजा और सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों की नियमित निगरानी करने को भी कहा गया है। वेरिएंट के प्रसार का पता लगाने और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल को प्रयोगशालाओं में भेजने का आदेश भी दिया गया है।