मध्य प्रदेश चुनाव: क्या है लाड़ली बहना योजना, जो भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हुई?
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है और पार्टी राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 160 से अधिक पर जीत दर्ज करती हुई दिख रही है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस जीत के लिए 'लाड़ली बहना योजना' को जिम्मेदार बताया है। 6 महीने पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना की शुरुआत की थी।
आइए जानते हैं ये योजना क्या है और ये कैसे भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हुई।
योजना
क्या है मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना?
लाड़ली बहना योजना 5 मार्च, 2023 को शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य मूल रूप से युवा महिलाओं को सशक्त बनाना है।
इस योजना के तहत राज्य की लगभग 1.3 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने सीधे 1,000 रुपये दिए जाते हैं।
चौहान ने यह भी वादा किया था कि अगर वह दोबारा सत्ता में आए तो इस योजना का पैसा धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा।
लाभ
इस योजना के तहत किसे मिलता है लाभ?
लाड़ली बहना योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आती हैं। 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की सभी महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं।
यदि कोई महिला मध्य प्रदेश में पैदा हुई है और उसके परिवार की आय 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है तो वह इस योजना के लाभ की पात्र होती है। लाभार्थी महिला आयकर दाता नहीं होनी चाहिए।
दांव
शिवराज ने जन्मदिन के अवसर पर लॉन्च की थी योजना, ये दांव भी चला
राज्य में चुनाव होने में 10 महीने से भी कम समय था और सत्ता में वापसी के लिए अपने जन्मदिन के अवसर पर शिवराज सिंह ने इस योजना की घोषणा कर बड़ा दांव चला था।
इसके बाद चुनावों से 3 महीने पहले उन्होंने सिलेंडर की कीमत घटाकर 450 रुपये कर दी। इससे भी उन्हें महिला मतदाताओं को लुभाने में मदद मिली क्योंकि रसोई गैस की कीमत बढ़ने का सीधा असर ग्रामीण महिलाओं के जीवन पर पड़ता है।
पैठ
योजना ने कैसे पहुंचाया भाजपा को फायदा?
माना जा रहा है कि योजना के तहत सीधे महिलाओं के बैंक खाते में पैसा पहुंचने से भाजपा ग्रामीण इलाकों और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं में गहराई तक पैठ बनाने में सफल रही।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, योजना के लाभार्थियों में मुस्लिम महिलाएं भी शामिल रहीं और योजना का लाभ उठाने वाली 1.3 करोड़ महिलाओं में से 35 लाख मुस्लिम समुदाय से हैं।
इससे भी भाजपा को फायदा पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मातड़ता
महिला मतदाता अहम क्यों?
भाजपा ने इस योजना के जरिए आधी आबादी को साधने का पूरा प्रयास किया। राज्य की 230 सीटों में से 18 सीटों पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक हैं।
यही नहीं, इस साल लगभग 13.39 लाख नए मतदाताओं ने वोट डाला है, जिनमें 7 लाख से अधिक महिलाएं थीं।
इस बार पिछली बार की तुलना में 18 लाख ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले और कुल मत प्रतिशत की बात करें तो 76.03 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि मध्य प्रदेश में इस बार मतदान ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
राज्य में 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछले 66 साल में सबसे अधिक था। पिछले चुनावों में यह 75.63 प्रतिशत था। राज्य की कम से कम 20 सीटों पर मतदान पिछली बार की तुलना में 3 से 5 प्रतिशत तक ज्यादा हुआ।
इस बार 78.21 प्रतिशत पुरुष और 76.03 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।