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#NewsBytesExplainer: वायु रक्षा प्रणाली क्या होती है और भारत के पास कौन-कौनसी हैं?
भारत के पास कई तरह की वायु रक्षा प्रणालियां है

#NewsBytesExplainer: वायु रक्षा प्रणाली क्या होती है और भारत के पास कौन-कौनसी हैं?

लेखन आबिद खान
May 09, 2025
02:41 pm

क्या है खबर?

'ऑपरेशन सिंदूर' से बौखलाया पाकिस्तान लगातार भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमले कर रहा है। बीती रात भी पाकिस्तान ने पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में हवाई हमले किए। हालांकि, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और सभी ड्रोन मार गिराए। भारत की आकाश मिसाइल, MRSAM, Zu-23-2, L-70 और शिल्का एंटी एयरक्राफ्ट गन ने हमलों को नाकाम कर दिया। आइए जानते हैं वायु रक्षा प्रणाली कैसे काम करती है।

वायु रक्षा प्रणाली

क्या होती है वायु रक्षा प्रणाली?

वायु रक्षा प्रणाली का काम हवा के जरिए होने वाले दुश्मन के हमलों से निपटना होता है। ये प्रणाली दुश्मन के लड़ाकू विमान और मानवरहित ड्रोन से लेकर मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखती है। इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए प्रणाली में रडार, नियंत्रण केंद्र, मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर जैसे जटिल उपकरण होते हैं, जो समन्वय में काम करते हुए दुश्मन के हमलों को नाकाम करते हैं।

काम

कैसे काम करती है वायु रक्षा प्रणाली?

वायु रक्षा प्रणाली का सबसे पहला काम होता है लक्ष्य की पहचान करना। ये काम रडार करता है। रडार में ट्रांसमीटर, रिसीवर जैसे कई उपकरण लगे होते हैं। ये ट्रांसमीटर के माध्यम से विद्युत चुंबकीय रेडियो तरंगों को भेजता है। ये तरंगें दुश्मन के विमान या ड्रोन से टकराकर वापस आती हैं। रडार में लगा रिसीवर इन्हें इकट्ठा करता है और लक्ष्य का प्रकार, दूरी, गति और बाकी जानकारियों का अनुमान लगाता है।

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अगला कदम

लक्ष्य की पहचान करने के बाद क्या होता है?

पहचानने के बाद लक्ष्य को ट्रैक किया जाता है। इसके लिए रडार, इन्फ्रारेड कैमरे या लेजर रेंजफाइंडर जैसे सेंसर का इस्तेमाल होता है। लक्ष्य का ट्रैक करना काफी जटिल और अहम होता है, क्योंकि कई बार लक्ष्य एक से अधिक हो सकते हैं। इसके अलावा हो सकता है कि रडार अपने विमान को दुश्मन का विमान समझ ले। इस वजह से गलत लक्ष्य को निर्धारित किए बिना दुश्मन के हथियारों को बेअसर करने के लिए सटीक ट्रैकिंग बेहद जरूरी है।

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नष्ट

लक्ष्य को कैसे नष्ट किया जाता है?

लक्ष्य को नष्ट करने के लिए मिसाइल से लेकर विमानों तक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए खास इंटरसेप्टर विमान होते हैं, जो दुश्मन देश के विमानों से मुकाबला करते हैं। ये तेजी से ऊंचाई पर जाकर दुश्मन के विमान को नष्ट कर देते हैं। इसके अलावा वायु रक्षा प्रणाली में मिसाइलें भी होती हैं। ये आमतौर पर सतह से हवा में वार करती हैं। इन्हें ट्रक या जहाज से लॉन्च किया जा सकता है।

भारत

भारत के पास कौन-कौनसी वायु रक्षा प्रणालियां हैं?

भारत के पास रूस का S-400, एकीकृत मानवरहित हवाई प्रणाली (UAS) ग्रिड, ट्रायम्फ, बराक-8 मिसाइलें, आकाश मिसाइल प्रणाली समेत कई एंटी एयरक्राफ्ट गन और आत्मघाती ड्रोन हैं। भारत ने इन्हें सभी सीमाओं पर तैनात कर रखा है। आकाश पूरी तरह से स्वदेशी प्रणाली है, जो 25 से 30 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के विमानों को तेजी से नष्ट कर सकती है। वहीं, बेहद आधुनिक रूस की S-400 प्रणाली 400 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्यों को तबाह कर सकती है।

पाकिस्तान

पाकिस्तानी हमले से निपटने के लिए भारत ने कौन-कौनसी प्रणालियां इस्तेमाल की?

बीती रात हुए पाकिस्तान के हमले को नाकाम करने के लिए भारत ने आकाश मिसाइल, एंटी एयरक्राफ्ट गन और रूसी S-400 का इस्तेमाल किया। S-400 और आकाश मिसाइलों ने पाकिस्तान के 50 से ज्यादा ड्रोन को मार गिराया। वहीं, पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने के लिए भारत ने इजरायर में बने आत्मघाती हारोप ड्रोन का इस्तेमाल किया। इस ड्रोन ने लाहौर में घुसकर पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को बर्बाद कर दिया।

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