कोरोना वायरस: क्या होते हैं एंटीजन टेस्ट और राज्य इस पर जोर क्यों दे रहे हैं?
क्या है खबर?
भारत में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस के टेस्टों की संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ाई गई है और अब रोजाना सात-आठ लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। इन टेस्टों में एक बड़ी हिस्सेदारी एंटीजन टेस्ट्स की है और ज्यादार राज्य RT-PCR टेस्ट के मुकाबले अब एंटीजन टेस्ट पर जोर दे रहे हैं।
एंटीजन टेस्ट क्या होते हैं, ये कितने भरोसेमंद हैं और राज्य इन पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं? आइए जानें।
जानकारी
क्या होते हैं एंटीजन टेस्ट?
RT-PCR टेस्ट की तरह एंटीजन टेस्ट में भी यह देखा जाता है कि संदिग्ध व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस मौजूद है या नहीं।
हालांकि, RT-PCR टेस्ट में व्यक्ति के नाक या गले से लिए गए सैंपल में कोरोना वायरस के जेनेटिक मेटेरियल की उपस्थिति की जांच की जाती है, वहीं एंटीजन टेस्ट में कोरोना वायरस के ऊपर या अंदर मौजूद रहने वाली प्रोटीन की उपस्थिति की जांच की जाती है।
इस टेस्ट में नमूने को लैब नहीं भेजना पड़ता।
फायदा
मात्र 30 मिनट में आ जाते हैं एंटीजन टेस्ट्स के नतीजे
एंटीजन टेस्ट के फायदों की बात करें तो इसके नतीजे RT-PCR टेस्ट के मुकाबले कम समय में आते हैं और इनकी कीमत भी कम होती है। जहां RT-PCR टेस्ट के नतीजे आने में दो से पांच घंटे लग सकते हैं, वहीं एंटीजन टेस्ट के नतीजे मात्र 30 मिनट में आ जाते हैं।
हालांकि, RT-PCR टेस्ट एंटीजन टेस्ट के मुकाबले अधिक सटीक होता है और इसी कारण इसे कोरोना वायरस का सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है।
खामी
क्या है एंटीजन टेस्ट की सबसे बड़ी खामी?
एंटीजन टेस्ट के साथ सबसे बड़ी समस्या इसकी सटीकता है और ये कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को भी नेगेटिव दिखा सकता है।
एंटीजन टेस्ट की संवेदनशीलता 50.6 प्रतिशत से लेकर 84 प्रतिशत के बीच में है, यानि अगर इसका नतीजा नेगेटिव आता है तो इसके सही होने की संभावना 50.6 प्रतिशत से 84 प्रतिशत होती है। वहीं पॉजिटिव नतीजे 99.3 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक सटीक होते हैं।
जानकारी
लक्षणों वाले संदिग्धों का RT-PCR टेस्ट जरूरी
गलत नेगेटिव दिखाने की इसी खामी के कारण केंद्र सरकार की गाइडलाइंस में कहा गया है कि जिन लोगों का एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आता है और उनमें कोरोना वायरस से संक्रमण जैसे लक्षण हैं, उनका RT-PCR टेस्ट भी कराना होगा।
कारण
इसलिए एंटीजन टेस्ट्स पर जो दे रहे हैं राज्य
गलत नेगेटिव दिखाने के कारण एंटीजन टेस्ट किसी भी शहर या राज्य के कोरोना वायरस ग्राफ की पूरी तस्वीर बदल सकते हैं।
चूंकि एंटीजन टेस्ट करने पर कुछ पॉजिटिव छूट जाते हैं, इसी कारण जिन राज्यों में अधिक एंटीजन टेस्ट किए जाते हैं वहां आधिकारिक मामलों की संख्या में कमी आने लगती है। अधिक टेस्ट के कारण टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी कम होने लगती है।
इन्हीं दो फायदों के कारण ज्यादातर राज्य एंटीजन टेस्ट कर रहे हैं।
उदाहरण
दिल्ली के उदाहरण से समझें एंटीजन टेस्ट का पूरा खेल
एंटीजन टेस्ट का पूरा मामला दिल्ली के उदाहरण से समझा जा सकता है।
दिल्ली सरकार अभी RT-PCR टेस्ट के मुकाबले ज्यादा एंटीजन टेस्ट कर रही है। जुलाई में सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि 18 जून से लेकर 29 जुलाई के बीच 1.80 लाख RT-PCR टेस्ट के मुकाबले 4.78 लाख एंटीजन टेस्ट किए गए।
जिनका एंटीजन टेस्ट किया गया था, उनमें से 2,818 का दोबारा RT-PCR टेस्ट किया गया और उनमें से 404 पॉजिटिव पाए गए।