सीमा विवाद: आयात घटाने के लिए सरकार ने उद्योगों से मांगी चीनी सामानों की जानकारी
केंद्र सरकार ने चीन से आने वाले सस्ते सामानों की सूची मांगी है। सरकार ऐसे सामानों की घरेलू उत्पादों से तुलना कर देखेगी कि कहीं टैक्स में छूट से इन्हें फायदा तो नहीं मिल रहा है। अगर ऐसा होता है तो उन पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया जा सकता है। हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने और चीन पर निर्भरता कम करने पर बातचीत हुई थी।
चीन से आयात कम करने की तैयारी
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि चीन के साथ सीमा पर चल रहे विवाद के बीच चीन से आयात कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि चीन से भारत के कुल आयात का 14 फीसदी हिस्सा आता है। भारत के मोबाइल फोन, टेलीकॉम, पावर, प्लास्टिक के खिलौने और दवाओं से जुड़े कच्चे माल के बाजार पर चीन का काफी प्रभाव है। मोबाइल सेक्टर की चीनी कंपनियां सबसे आगे हैं।
इन सामानों पर मांगे गए सुझाव और प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ उद्योग संगठनों से चीन से आयात होने वाले सामान और कच्चे माल पर सुझाव और प्रतिक्रिया भी मांगी गई है। इन सामानों मेंं घड़ी, इंजेक्शन की शीशी, हेयर क्रीम, शैंपू, फेस पाउडर, मेकअप का सामान, प्रिटिंग इंक, पेंट और तंबाकू के कुछ उत्पाद शामिल हैं। साथ ही पिछले कुछ सालों में बढ़े आयात, चीन से आने वाले सामान की तुलना में स्वदेशी निर्मित सामान की कीमत और क्षमता आदि की जानकारी मांगी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने की थी चीनी सामानों के बहिष्कार की बात
सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने चीनी सामान के बहिष्कार की बात कही थी। उन्होंने कहा, "पहले उन्हें आर्थिक रूप से चोट पहुंचाते हैं, बाकी चीजें उसके बाद होंगी। युद्ध और बल का प्रयोग हर बार और हर समय अंतिम उपाय होना चाहिए। जब अन्य सभी उपाय असफल हो जाते हैं, तब आप इसका सहारा लेते हैं। अन्य कई साधन भी मौजूद हैं।"
टायर के आयात पर लगाया था अंकुश
इससे पहले हाल ही में सरकार ने टायरों के आयात पर अंकुश लगाए गए थे। साथ ही भारत के साथ जमीनी सीमा वाले देशों से से निवेश से पहले मंजूरी जरूरी कर दी। इससे चीन के लिए भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करना मुश्किल होगा।
तनाव के बीच उठ रही है चीनी सामान के बहिष्कार की मांग
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 जवान शहीद हुए थे। यह विवाद काफी समय से चल रहा है और कई उच्च स्तरीय बैठकों के बाद भी इसका हल नहीं निकला है। अब 20 सैनिक खोने के बाद देश में चीन विरोधी लहर तेज हो गई है। लोग चीन को सबक सिखाने के लिए वहां से आने वाले सामान पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
आंकड़ों के जरिये समझिये भारत और चीन के बीच आयात-निर्यात का पूरा गणित
चीनी सामान के बहिष्कार की घोषणा के बीच आंकड़ों के जरिये यह जानना जरूरी हो जाता है कि दोनों देशों के बीच कितना व्यापार होता है औऱ उसमें किस देश का कितना हिस्सा है। यह आप यहां टैप कर विस्तार से पढ़ सकते हैं।