GeM पोर्टल पर रजिस्टर करने से पहले देनी होगी सामान कहां बना, उस देश की जानकारी
अब सरकारी पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर सामान बेचने के इच्छुक विक्रेताओं को नए उत्पाद के मूल देश (कंट्री ऑफ ऑरिजन) के बारे में जानकारी देनी होगी। यानी यह बताना जरूरी होगा कि कोई सामान कहां बना है। वाणिज्य मंत्रालय ने ऐसा करना अनिवार्य कर दिया है। इसी राह पर चलते हुए सरकार निजी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी ऐसा करना जरूरी कर सकती है। व्यापारियों के एक संगठन ने सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव दिया है।
'आत्मनिर्भर भारत' अभियान पर जोर दे रही सरकार
वाणिज्य मंत्रालय का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब सरकार स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान पर जोर दे रही है। साथ ही सीमा विवाद को लेकर देश में चीन विरोधी लहर जोरों पर है इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने GeM पर खरीदारों के लिए 'मेक इन इंडिया' फिल्टर दिया है। इसे सेलेक्ट कर खरीदार उन उत्पादों का खरीद सकते हैं, जिनका कम से कम 50 कंटेट स्वदेशी है।
नए फीचर के बाद इतना बदल जाएगा GeM
GeM में अब यह भी जानकारी मिलेगी कि इसमें कितना कंटेट स्थानीय है। नए फीचर के बाद ई-मार्केट प्लेस पर रजिस्टर्ड हर सामान के आगे मूल देश के साथ-साथ स्थानीय कंटेट के प्रतिशत की जानकारी भी साफ तौर पर दिखेगी।
GeM पोर्टल क्या है?
सरकार ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए 2016 में GeM पोर्टल शुरू किया था। आसान भाषा में इसे फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म का सरकारी वर्जन भी कहा जा सकता है। इसके जरिये सभी सरकारी विभागों तक विक्रेताओं की सीधी पहुंच सुगम हुई है। इससे सरकारी विभाग अपनी आवश्यक खरीदारी किसी टेंडर और फाइल्स के तामझाम के बिना खरीद सकते हैं। वहीं विक्रेताओं को भी समय पर भुगतान की गारंटी मिलती है।
निजी कंपनियों के लिए ऐसा नियम बना सकती है सरकार
इसके अलावा कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर निजी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मूल देश का टैग अनिवार्य करने की मांग की थी। CAIT के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अधिकतर ई-कॉमर्स कंपनियां अपने पोर्टल्स पर बड़ी संख्या में चीनी सामान बेच रही है। ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं होती। अगर उन्हें इस बात की जानकारी दी जाए तो वो उसे खरीदने से पहले सोचेंगे।
विदेशी कंपनियों को तस्वीर से बाहर रखने की कोशिश
इससे पहले भी सरकार स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और विदेशों से निर्भरता कम करनेे के लिए कई कदम उठा चुकी है। इनमें सरकारी टेलीकॉम कंपनी अपग्रेडेशन के लिए चीनी सामान को छोड़कर भारतीय कंपनियों के सामान को प्राथमिकता देने को कहना शामिल है। दूरसंचार विभाग ने हाल ही में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद BSNL को पत्र लिखकर कहा था कि वह अपग्रेडेशन के लिए चीन में निर्मित सामान का इस्तेमाल न करे।