सीमा विवाद: सरकार ने जारी किया इमरजेंसी फंड, 500 करोड़ तक के हथियार खरीद सकेंगी सेनाएं
चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों को बड़ी आर्थिक शक्ति दी है। केंद्र ने सुरक्षा बलों को किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए 500 करोड़ रुपये तक के हथियार खरीदने की छूट दे दी है। अब देश की सुरक्षा में बल किसी भी हालात से निपटने के लिए अपने जखीरे में 500 करोड़ रुपये तक के हथियार जोड़ सकते हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
सैन्य मामलों के साथ मिलकर खरीद कर सकेंगी सेनाएं
इंडिया टुडे से बात करते हुए एक सरकारी सूत्रों ने बताया, "तीनों सेनाओं को मोदी सरकार ने आपातकालीन परिस्थितियों में हथियार खरीदने के लिए आर्थिक शक्ति दी है। इसके जरिये सेनाएं हर प्रोजेक्ट के लिए 500 करोड़ रुपये तक के हथियार खरीद सकती है।" सूत्रों ने बताया कि इसके तहत सेनाएं सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के साथ मिलकर जरूरत के हिसाब से किसी भी हथियार को खरीद सकती हैं।
हथियारों की सूची तैयार करने में जुटीं सेनाएं
बताया जा रहा है कि सेना के तीनों अंगों ने उन हथियारों और उपकरणों की सूची बनाना शुरू कर दी है, जिनकी उन्हें तुरंत जरूरत है ताकि उन्हें जल्दी से जल्दी खरीदा जा सके।
गलवान घाटी में विवाद के बीच लिया गया फैसला
केंद्र सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा है, जब लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा को लेकर चीन के साथ विवाद जारी है। इस विवाद को सुलझाने के लिए कई उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। बीते सोमवार को यह तनाव उस समय चरम पर पहुंच गया, जब चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में एक सैन्य अधिकारी समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए।
वायुसेना ने रखा था 33 लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव
लद्दाख में चीनी सीमा पर चल रहे तनाव के बीच वायुसेना ने सरकार को 12 नए सुखोई 30 और 21 मिग-29 विमान खरीदने का प्रस्ताव दिया है। ये विमान रूस से खरीदे जाएंगे। बता दें कि पिछले काफी समय से यह प्रक्रिया चल रही थी, जिसे अब तेज करते हुए रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव सौंपा गया है। लगभग 6,000 करोड़ रुपये के इस प्रस्ताव पर इसी सप्ताह उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा होगी।
सेना को कार्रवाई की खुली छूट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सेना के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक कर चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालातों की समीक्षा की। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, बैठक में सेना को जमीन, हवा और पानी तीनों जगहों पर चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा सेनाओं को चीनी सेना के किसी भी आक्रामक रवैये से निपटने के लिए कोई भी कदम उठाने की आजादी दी गई है।